चुनावों में मिली हार का असर, एक महीने तक टीवी डिबेट में प्रवक्ता नहीं भेजेगी कांग्रेस
लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के एक सप्ताह बाद कांग्रेस ने समाचार चैनलों पर होने वाली बहसों में अपने प्रवक्ता नहीं भेजने का फैसला किया है। पार्टी के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगले एक महीने तक अपने प्रवक्ता समाचार चैनलों पर बहस में नहीं भेजेगी। हालांकि, सोशल मीडिया पर कई लोग कांग्रेस के फैसले की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग रही है।
कांग्रेस का फैसला
हार के बाद मुश्किल में फंसी कांग्रेस
लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस में उठापटक शुरू हो गई है। 542 सीटों पर हुए चुनावों में से कांग्रेस को केवल 52 सीटें मिली थी। पिछले 5 सालों से सत्ता से बाहर देश की सबसे पुरानी पार्टी विपक्ष के नेता का पद भी हासिल नहीं कर पाई है। इसके बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं और पार्टी उन्हें मनाने में जुटी है।
कांग्रेस के कई प्रदेशाध्यक्षों का हो चुका है इस्तीफा
चुनावों में हार का असर कांग्रेस के संगठन पर भी पड़ा है और पार्टी के कई प्रदेशाध्यक्षों ने अपना इस्तीफा राहुल को भेज दिया है। इसमें पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़, झारखंड कांग्रेस प्रमुख अजॉय कुमार, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर आदि शामिल हैं।
समाजवादी पार्टी भी नहीं भेज रही अपने प्रवक्ता
कांग्रेस से पहले समाजवादी पार्टी भी ऐसा कदम उठा चुकी है। अखिलेश यादव ने पिछले सप्ताह पार्टी के सभी प्रवक्ताओं पर टीवी डिबेट शो में जाने पर रोक लगा दी थी। उनका मानना है कि प्रवक्ताओं ने पार्टी का सही स्टैंड लोगों के सामने नहीं रखा। पार्टी का यह फैसला लोकसभा चुनावों में मिली असफलता के बाद आया था। बसपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली सपा केवल 5 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी।
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