बिहार चुनाव: सीट बंटवारे को लेकर नहीं बनी सहमति, चिराग पासवान ने भाजपा को दिया अल्टीमेट
भारतीय जनता पार्टी का एक और सहयोगी दल उसका साथ छोड़ सकता है। बिहार में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चिराग पासवान ने भाजपा को अल्टीमेटम दिया है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, चिराग पासवान ने सोमवार को भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने नड्डा से जल्द से जल्द सीट बंटवारे की मांग की है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
चिराग पासवान ने कही 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात
प्रधानमंत्री मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने नड्डा को कह दिया है कि अगर जल्द सीट बंटवारे को लेकर फैसला नहीं होता है तो वो बिहार की 243 में से 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, चिराग ने यह भी साफ कर दिया है कि वो नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के सामने भी अपने प्रत्याशी उतारने से हिचकेंगे नहीं।
चिराग ने नड्डा को याद दिलाया जदयू का पुराना बयान
साथ ही चिराग ने नड्डा को वह बयान भी याद दिलाया, जिसमें जदयू ने कहा था कि उनका लोजपा के साथ कोई गठबंधन नही है। चिराग ने कहा कि इस लिहाज से लोजपा जदयू के सामने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। लोजपा प्रमुख की इस चेतावनी से पहले सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों के बीच बैठक हुई थी, लेकिन इसमें कोई सहमति नहीं बन सकी। जानकारों की कहना है कि यह दबाव बनाने की राजनीति है।
नीतीश और चिराग के बीच बढ़ रही तल्खियां
पिछले कुछ महीनों से चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच चल रही तल्खियों के कारण भाजपा और लोजपा का रिश्ता भी मुश्किल हो गया है। विपक्षी दलों के साथ-साथ पासवान की पार्टी भी राज्य सरकार की कमियों के खिलाफ बोलने में पीछे नहीं रही हैं, जबकि लोजपा और जदयू दोनों ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है। बता दें कि बिहार में 28 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा।
मुख्यमंत्री पद के लिए चिराग का नाम उछाल रहे समर्थक
मई में चिराग पासवान ने कहा था कि वो भाजपा का समर्थन करेंगे भले ही यह नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़े या कोई दूसरा रास्ता अपनाए। उसके बाद से वो कई बार मुख्यमंत्री पर निशाना साध चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नीतीश कुमार के नाम पर दावेदारी जताने के बावजूद लोजपा समर्थक खुले तौर पर मुख्यमंत्री पद के लिए चिराग पासवान का नाम उछाल रहे हैं।
SAD और शिवसेना छोड़ चुकी है भाजपा का साथ
अगर सीट बंटवारे को लेकर सहमति न बनने पर लोजपा NDA का दामन छोड़ती है, तो वह ऐसा करने वाली भाजपा की तीसरी सहयोगी पार्टी होगी। हाल ही में भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने कृषि विधेयकों को लेकर NDA से रिश्ता तोड़ा था। उससे पहले पिछले साल विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग हो गए थे। ऐसे में अब सबकी निगाहें चिराग पासवान के अगले कदम पर टिकी हैं।