राजस्थान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पुराना बजट पेश करने का आरोप, विपक्ष का हंगामा
क्या है खबर?
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब अपना बजट भाषण शुरू किया तो विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत पुराना बजट भाषण पढ़ रहे हैं और तकनीकी रूप से बजट लीक हो गया है, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नया बजट लाने की मांग की और सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी।
हालांकि, सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही गहलोत ने विपक्ष के सभी आरोपों का खंडन किया।
बयान
आरोपों को लेकर क्या बोले गहलोत?
गहलोत ने कहा कि बजट लीक नहीं हुआ है और पिछले साल के बजट का एक पन्ना जो संदर्भ के लिए लिया गया था, वो दस्तावेजों में शामिल था।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा सिर्फ यह दिखाना चाहती है कि वह राजस्थान के विकास और तरक्की के खिलाफ है। इनका मनगढ़ंत आरोप कि बजट लीक हो गया। यह दर्शाता है कि बजट को भी यह अपनी ओछी राजनीति से नहीं छोड़ेंगे। 'बचत, राहत, बढ़त' में एक ही बाधा है- भाजपा।'
मामला
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान क्या हुआ?
राजस्थान विधानसभा में आज सुबह 11 बजे गहलोत ने बजट भाषण शुरू किया और छह मिनट बजट पढ़ने दौरान वह अचानक बीच में रुक गए।
दरअसल, गहलोत ने बजट पढ़ते हुए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की बात कही, जिसके बाद मंत्री महेश जोशी ने उन्हें रोक दिया क्योंकि यह पिछले बजट की योजना थी।
इसी दौरान विपक्षी भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा करना शुरू दिया और गहलोत पर पुराना बजट पेश करने का आरोप लगाने लगे।
विपक्ष
वसुंधरा राजे ने गहलोत पर साधा निशाना
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुराने बजट भाषण को लेकर गहलोत पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री आठ मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे, यह ऐतिहासिक है। मैं भी मुख्यमंत्री रही हूं और मैं दो बार से तीन बार बजट को जांचती थी। एक मुख्यमंत्री इतने बड़े दस्तावेज को बिना जांचे-परखे सदन में लाते हैं और पुराने बजट को पढ़ देते हैं। इससे समझ मैं आता है कि उनके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है।"
विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष बोले- आज जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, "जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने जो भाषण दिया, वह पहले ही रिकॉर्ड में है और अब ठीक नहीं होगा।"
जोशी ने कहा कि इस घटना से वह आहत हुए हैं और मानवीय भूल होती रहती हैं।
विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर उन्होंने कहा कि बजट भाषण की जो कार्यवाही हुई, उसे निरस्त करते हुए रिकॉर्ड से निकाल दिया गया है।