पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर भाजपा ने 344 करोड़ तो कांग्रेस ने खर्चे 194 करोड़
क्या है खबर?
भाजपा ने इस साल हुए पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर 344.27 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। यह रकम इन पांच राज्यों में पांच साल पहले हुए चुनावों पर खर्च हुए 218.26 करोड़ रुपये से करीब 58 प्रतिशत ज्यादा है।
वहीं कांग्रेस ने पांच राज्यों में इस साल 194.80 करोड़ और 2017 में 108.14 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
जानकारी
सबसे ज्यादा खर्च उत्तर प्रदेश में
भाजपा ने इस साल सबसे ज्यादा 221.32 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश में खर्च किए। यह 2017 में खर्च किए गए 175.10 करोड़ रुपये से करीब 26 प्रतिशत ज्यादा है। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा बढ़ोतरी गोवा और पंजाब में हुई।
विधानसभा चुनाव
गोवा और पंजाब में कितना खर्च?
भाजपा ने इस साल पंजाब विधानसभा चुनाव पर 36.70 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो 2017 में खर्च हुए 7.43 करोड़ रुपये का लगभग पांच गुना हैं। वहीं गोवा में पार्टी ने 2017 में 4.37 करोड़ खर्च किए, जबकि इस साल विधानसभा चुनावों पर यहां 19.07 करोड़ खर्च किए गए हैं।
उत्तराखंड में पार्टी ने इस बार 43.67 करोड़ रुपये और मणिपुर में 23.52 करोड़ रुपये लगाए। पिछले चुनावों में यहां क्रमश: 23.48 करोड़ और 7.86 करोड़ खर्च हुए थे।
जानकारी
भाजपा ने सबसे ज्यादा पैसा कहां खर्च किया?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा का सबसे ज्यादा पैसा नेताओं की यात्रा, रैलियां और जुलूस और प्रचार पर खर्च हुआ था। पार्टी ने पांचों राज्यों में वर्चुअल प्रचार पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
8 जनवरी को पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा होने से लेकर 12 मार्च को प्रक्रिया समाप्त होने तक भाजपा ने पांचों राज्यों और केंद्रीय मुख्यालय में करीब 914 करोड़ रुपये प्राप्त होने की जानकारी दी है।
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कांग्रेस के खर्च की जानकारी
अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि कांग्रेस ने राज्यों के हिसाब से कितना पैसा खर्च किया था। हालांकि, पार्टी ने सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों पर वर्चुअल प्रचार के लिए 15.67 करोड़ रुपये खर्चे हैं। वहीं चुनावी कार्यक्रम की घोषणा से लेकर प्रक्रिया समाप्त होने तक कांग्रेस ने 240 करोड़ रुपये मिलने की जानकारी दी है।
बता दें कि केंद्र में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में भारी कमी आई है।
नियम
पार्टियों के लिए चंदे और खर्च की जानकारी देना जरूरी
लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रही सभी पार्टियों के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा से लेकर चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक नकदी, चेक और डिमांड ड्राफ्ट या दूसरे जरियों से मिले चंदे की जानकारी रखना जरूरी होता है।
इसी तरह उन्हें चुनाव समाप्त होने के बाद अपने खर्च की जानकारी चुनाव आयोग को देना अनिवार्य होता है। विधानसभा चुनाव के खर्च की जानकारी देने के लिए 75 और लोकसभा चुनाव के लिए 90 दिनों का समय होता है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। पंजाब को छोड़कर बाकी चारों राज्यों में भाजपा दोबारा सत्ता में लौटी है।
उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं। इसी तरह गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भी भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की थी।
पंजाब की बात करें तो यहां कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी ने पहली बार अपनी सरकार बनाई है।