बिहार विधानसभा चुनाव: सभी सीटों का आया रुझान, NDA को बढ़त
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनाव की सभी 243 सीटों के शुरूआती रुझान आ गए हैं और इनमें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बढ़त मिल रही है।
NDTV के अनुसार, NDA अभी 123 सीटों पर आगे चल रही है जो बहुमत के आंकड़े 122 सीटों से अधिक है।
महागठबंधन 112 सीटों पर आगे चल रहा है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी एक सीट पर आगे चल रही है।
वोटों की गिनती देर रात तक चलने की संभावना है।
पार्टियों की स्थिति
अलग-अलग पार्टियों का ये है हाल
अलग-अलग पार्टियों की बात करें तो NDA में शामिल भाजपा 72 सीटों पर आगे चल रही है और उसका प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले बेहतर है। वहीं जनता दल यूनाइटेड (JDU) 43 सीटों पर आगे चल रही है और उसका प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले काफी खराब है।
महागठबंधन का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 74 सीटों पर आगे चल रहा है, जो पिछली बार के मुकाबले छह कम हैं। कांग्रेस 20 और CPI(ML) 11 सीटों पर आगे चल रही है।
बयान
JDU के केसी त्यागी ने कबूली हार
रुझानों में अभी तक भले ही दोनों गठबंधनों में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही हो, लेकिन JDU के केसी त्यागी ने NDTV से बात करते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली है।
उन्होंने कहा, "हम लोगों के फैसले का स्वागत करते हैं। हम RJD या तेजस्वी यादव से नहीं हारे हैं, राष्ट्रीय आपदा से हारे हैं। हम केवल कोविड-19 के कारण पीछे चल रहे हैं। हम बिहार के पिछले 70 साल की खराब हालत का परिणाम भुगत रहे हैं।"
2015 बिहार विधानसभा चुनाव
पिछले विधानसभा चुनाव के क्या नतीजे रहे थे?
2015 बिहार विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में JDU महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ी थी और इस गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 243 में से 179 सीटों पर जीत दर्ज की थी। RJD को 80, JDU को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं।
वहीं भाजपा मात्र 53 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी।
नीतीश 2017 में महागठबंधन से अलग हो गए थे और तभी से भाजपा के साथ सरकार में हैं।
पृष्ठभूमि
बिहार में तीन चरणों में हुई थी वोटिंग
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर कुल तीन चरणों में वोटिंग हुई थी। पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर 55.68 प्रतिशत वोटिंग हुई।
दूसरे चरण में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 सीटों पर वोटिंग हुई और इस चरण में लगभग 55.70 वोटिंग हुई।
तीसरे और अंतिम चरण की वोटिंग 7 नवंबर को हुई और इसमें 15 जिलों की 78 सीटों पर 57.58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मुद्दे
क्या रहे चुनाव के मुख्य मुद्दे?
मुख्य मुद्दों की बात करें तो इस चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बना रहा और इसलिए ज्यादातर पार्टियों ने अपने-अपने घोषणापत्रों में बंपर नौकरियों का वादा किया।
RJD ने सबसे पहले उसकी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में ही 10 लाख सरकारी नौकरियों को मंजूरी देने का वादा किया था। इसके बाद भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में 19 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा कर दिया।
कोरोना वायरस महामारी और मजदूरों का गुस्सा भी बड़े मुद्दे रहे।