पश्चिम बंगाल में भाजपा को एक और झटका, विधायक तन्मय घोष TMC में हुए शामिल
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विधानसभा चुनाव से पहले जहां तमाम नेता तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता भाजपा का दामन थाम रहे थे, वहीं विधानसभा चुनाव के बाद से ये नेता फिर से TMC का रुख कर रहे हैं। अब विष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष ने फिर से TMC का दामन थाम लिया है। इससे विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या गिरकर 73 पर आ गई है। हालांकि, भाजपा ने घोष के कदम को मजबूरी में उठाया गया कदम करार दिया है।
विधानसभा चुनाव से पहले TMC छोड़कर भाजपा में आए थे घोष
पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनाव से पहले घोष ने TMC छोड़कर भाजपा का हाथ थामा था। भाजपा ने उन्हें इसका इनाम विष्णुपुर सीट से टिकट देकर दिया था। घोष ने भाजपा को निराश नहीं किया और भारी मतों से जीत हासिल की थी। हालांकि, बंगाल में TMC की सरकार बनने के बाद भाजपा नेताओं ने फिर TMC की राह पकड़ ली थी। इसमें जून में मुकुल रॉय और अब घोष ने भाजपा का साथ छोड़ दिया।
मैं सभी दलों के जनप्रतिनिधियों को करता हूं आमंत्रित- घोष
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की मौजूदगी में TMC में शामिल होने वाले घोष ने कहा, "मैं सभी दलों के जनप्रतिनिधियों को TMC में शामिल होने और ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई विशाल विकास और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। उनके समर्पण और प्रदर्शन ने ही मुझे TMC की ओर आकर्षित किया है।" शिक्षा मंत्री बसु ने कहा घोष को दलबदल विरोधी कानून के नियमों के अनुसार ही पार्टी में शामिल किया गया है।
घोष ने भाजपा पर लगाया प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप
TMC में शामिल होने के साथ ही घोष के तेवर भी बदल गए। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में प्रतिशोध की राजनीति में जुटी हुई है। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसियों का प्रयोग राजनीतिक लाभ लेने के लिए कर रही है। केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग पश्चिम बंगाल के लोगों के अधिकारों को छीनने में किया जा रहा है। इधर, TMC ने कहा, "विष्णुपुर विधायक घोष मुख्यमंत्री के विकास कार्यों से प्रभावित होकर तृणमूल परिवार में शामिल हुए हैं।"
हम भाजपा से राजनीतिक रूप से लड़ेंगे- बसु
घोष का पार्टी में स्वागत करते हुए शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा, "भाजपा चुनाव के बाद TMC से बदला लेने की कोशिश कर रही है। हम भाजपा से राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। वह पश्चिम बंगाल के लोगों को कमतर दिखाने की कोशिश कर रही है।" उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा के भाजपा विधायक भी TMC के संपर्क में हैं। जब ममता बनर्जी त्रिपुरा में कदम रखेंगी, तो सुनामी आएगी। उस राज्य के भाजपा नेता इस बात वाकिफ हैं।
घोष ने डर के चलते लिया है फैसला- अध्यक्ष
तन्मय घोष के TMC में जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि वह काफी डरे हुए थे। सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें हर तरह से डराया। वह लोग बहुत समय से उसके पीछे पड़े हुए थे और वह डर गए। उन्होंने कहा कि घोष TMC छोड़कर हमारे पास आए थे, उनके खिलाफ FIR तक दर्ज करा दी थी। उन्हें हर तरह से डराया गया है कि वह अब मजबूरी और बेबसी में TMC में शामिल हुए हैं।
मुकुल रॉय की भी हो चुकी है TMC में वापसी
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए मुकुल रॉय ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद 11 जून को फिर से TMC का दामन थाम लिया था। हालांकि, कृष्णानगर उत्तर के विधायक ने अब तक भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है और उन्हें विधानसभा की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाजपा ने दलबदल विरोधी कानून के तहत उनकी अयोग्यता की मांग की है। इससे पहले दो अन्य विधायक भी भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं।