बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों को बचाना चाहते हैं तो डाइट में शामिल करें ये चीज़ें
लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसकी वजह से फेफड़ों में इंफ़ेक्शन का ख़तरा भी बढ़ रहा है। प्रदूषित वातावरण में साँस लेने से फेफड़ों में टॉक्सिन एकत्रित हो जाते हैं, जो गंभीर बीमारियाँ पैदा करते हैं। कई बार ये इंफ़ेक्शन जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में प्रदूषण से फेफड़ों को बचाने के लिए ज़रूरी है सही डाइट लेना। आज हम आपको कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फेफड़ों को प्रदूषण से बचाते हैं।
लहसुन और लोटस रूट
लहसुन में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-बायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं। रोज़ाना ख़ाली पेट लहसुन की दो-तीन कलियाँ खाने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। आप इसे खाने में भी डालकर खा सकते हैं। लोटस रूट में एंटी-बैक्टीरियल, पोटैशियम, फ़ास्फोरस, कॉपर, आयरन, मैंगनीज़, थियामिन, पैंटोफेनिक एसिड, जिंक और विटामिंस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये फेफड़ों को कैंसर के साथ ही इंफ़ेक्शन से भी बचाते हैं।
तुलसी की पत्तियाँ या मुनक्का
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोज़ाना 2-3 तुलसी की पत्तियों को चबाएँ। इसके अलावा तुलसी के सूखे पत्ते, चीनी, कत्था, कपूर और इलायची को बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बनाएँ और दिन में दो बार चुटकीभर इसका सेवन करें। इससे फेफड़ों में जमा गंदगी आसानी से निकल जाएगी। फेफड़ों को मज़बूत बनाने के लिए मुनक्का का सेवन बेहतर है। रात में सोने से पहले पानी में भिगोकर सुबह खाएँ। कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा।
प्याज़ और व्हीट ग्रास
प्याज़ में विटामिन C, फ़ॉलिक एसिड और कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके रोज़ाना सेवन से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इसे खाने के अलावा सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फेफड़ों के लिए प्याज़ का रस भी फ़ायदेमंद है। प्रदूषण, धूम्रपान, शराब, तैलीय और मसालेदार खाने से फेफड़ों की समस्याएँ हो जाती हैं। ऐसे में व्हीट ग्रास के पाउडर या जूस का सेवन करने से फेफड़े अंदर से साफ़ होते हैं।
रोज़मेरी और अदरक
रोज़मेरी में डिटॉक्सीफ़िकेशन गुण मौजूद होते हैं, जो फेफड़ों से ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसलिए डाइट में रोज़मेरी की पत्तियाँ या तेल ज़रूर शामिल करें। अपने आयुर्वेदिक गुणों की वजह से अदरक का इस्तेमाल दवाइयाँ बनाने के लिए किया जाता है। खाने में रोज़ाना इसका इस्तेमाल करने से फेफड़े प्रदूषण से बचे रहते हैं। फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए इसकी चाय या काढ़ा बनाकर पीएँ।