गुरुग्राम: कोरोना वैक्सीन लगने के बाद महिला स्वास्थ्यकर्मी की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
क्या है खबर?
हरियाणा के गुरुग्राम में पिछले सप्ताह कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत वैक्सीन लगवाने वाली महिला स्वास्थ्यकर्मी की शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
इसके बाद पुलिस ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इधर, महिला स्वास्थ्यकर्मी की मौत की सूचना पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और उन्होंने परिजनों से मामले की जानकारी ली।
प्रकरण
महिला स्वास्थ्यकर्मी के गत 16 जनवरी को लगी थी वैक्सीन
न्यू कॉलोनी थाना पुलिस ने बताया कि मृतका राजवंती (55) पत्नी लाल सिंह सरोहा है। वह भांगरोला स्थित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में बतौर महिला हेल्थ विजिटर तैनात थी।
मृतका के पति ने बताया कि राजवंती को गत 16 जनवरी को 'कोविशील्ड' की खुराक दी गई थी। उसे कोई अन्य दूसरी बीमारी नहीं थी। शुक्रवार सुबह उसके नहीं उठने पर उसे मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोप
परिजनों ने लगाया वैक्सीन के कारण मौत होने का आरोप
महिला के पति लाल सिंह का आरोप है कि वैक्सीन लगने के बाद ही उनकी पत्नी को कुछ हुआ है। उनकी पत्नी को इससे पहले किसी भी तरह की कभी स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत नहीं रही थी।
पति की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उपखंड अधिकारी के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।
प्रतिक्रिया
रिपोर्ट आने तक वैक्सीन को दोष देना गलत- यादव
मामले में गुरुग्राम के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ वीरेंद्र यादव का कहना है कि जिस दिन राजवंती को यह कोरोना वैक्सीन दी गई थी, उस दिन उसमें कोई भी साइड इफेक्ट सामने नहीं आए थे। इसके बाद भी मौत के कारणों की जांच के लिए शव का पोस्टमार्टम करावाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने तक वैक्सीन के कारण मौत होना बताना ठीक नहीं है।
पृष्ठभूमि
वैक्सीन के कारण मौत होने की अभी तक नहीं हुई पुष्टि
बता दें इससे पहले देश में वैक्सीन लेने के बाद मौत होने के तीन मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन किसी में भी वैक्सीन के कारण मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश मुरादाबाद में वैक्सीनेशन के 48 घंटे बाद हुई स्वास्थ्यकर्मी की मौत हृदय और फेफड़ों संबंधी बीमारी से हुई थी।
इसी तरह कर्नाटक में हुई 43 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी की मौत हार्ट अटैक से और तेलंगाना में किसी अन्य बीमारी से हुई थी।
सुरक्षित
दोनों वैक्सीनों के सुरक्षित होने का दावा कर रही है सरकार
बता दें कि वैक्सीनों को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों में शंका बनी हुई है। विशेष रूप से भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को लेकर।
स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि कोवैक्सिन को क्लिनिकल ट्रायल पूरा किए बिना मंजूरी दी गई है। कई राज्यों में तो चिकित्साकर्मी वैक्सीन का चुनाव करने की अमुमति देने की मांग कर रहे हैं।
इसी बीच सरकार का दावा है कि दोनों वैक्सीनें पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों के वैक्सीन लगवाकर अभियान को सफल बनाना चाहिए।