बालेश कुमार: दोस्त की हत्या कर खुद की मौत का नाटक रचा, 19 साल दिया चकमा
दिल्ली पुलिस ने 19 साल से फरार चल रहे भारतीय नौसेना के एक पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। इस शख्स का नाम बालेश कुमार है, जिसने पहले अपने दोस्त को मारा और फिर 2 मजदूरों को जिंदा जलाकर खुद की मौत की साजिश रची। पुलिस से पूछताछ में बालेश ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। आइए जानते हैं कि बालेश कुमार कौन है और उसने कैसे 19 साल तक पुलिस को धोखे में रखा।
कौन है बालेश कुमार?
बालेश हरियाणा से है और उसने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। 1981 में वह नौसेना में भर्ती हुआ और 1996 तक अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद उसने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी की स्थापना की और अपने परिवार के साथ दिल्ली के उत्तम नगर में रहने लगा। बालेश पर 2000 में नौसेना मेस में चोरी का केस दर्ज हुआ था और 2004 में अपने दोस्त की हत्या का भी वो आरोपी है।
कैसे 19 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा बालेश?
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि दिल्ली में हत्या और चोरी से जुड़े मामले का आरोपी बालेश अपना नाम और पता बदलकर नजफगढ़ में रह रहा है। क्राइम ब्रांच की एक टीम ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी रविंदर यादव ने बताया कि उसने अपना नाम अमन सिंह रखा था और एक प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का काम कर रहा था।
बालेश ने क्यों की थी अपने दोस्त की हत्या?
पुलिस को दिए बयान में बालेश ने बताया है कि 2004 में उसने दिल्ली के समयपुर बादली में राजेश नाम के एक व्यक्ति की हत्या की थी। उस वक्त बालेश, उसका भाई सुंदरलाल और राजेश साथ बैठकर शराब पी रहे थे। तभी राजेश की पत्नी के साथ बालेश के कथित अवैध संबंधों को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। इसके बाद दोनों भाइयों ने राजेश की हत्या कर दी। इस मामले में बालेश का भाई गिरफ्तार हो चुका था।
बालेश ने कैसे रची अपनी मौत की साजिश?
बालेश ने सजा से बचने के लिए खुद को मृत घोषित करने की साजिश रची। 2004 में उसने 2 मजदूरों को काम पर रखा और उन्हें अपने भाई के ट्रक से जोधपुर ले गया। 1 मई को उसने मजदूरों को शराब पिलाकर ट्रक में आग लगा दी। पुलिस को भ्रमित करने के लिए अपने दस्तावेज ट्रक में ही छोड़ दिए। बाद में पुलिस ने एक शव की पहचान बालेश के तौर पर की।
बालेश की पत्नी ने साजिश में दिया साथ
इस साजिश में बालेश की पत्नी ने उसका पूरा साथ दिया। बालेश की पत्नी को पेंशन का लाभ और जीवन बीमा की राशि भी मिली। ट्रक के बीमा की राशि भी बालेश की पत्नी को दी गई। फिलहाल बालेश की पत्नी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। अब इस मामले में पुलिस मजदूरों के परिवार के बारे में जानकारी जुटा रही है, जिन्हें बालेश ने ट्रक में जला दिया था।