
कौन हैं डॉक्टर माधवी लता, जिनका चिनाब रेलवे ब्रिज निर्माण में रहा 17 साल का योगदान?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया।
यह पुल 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है और पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर को पूरे साल देश से रेल मार्ग से जोड़ना है।
इस पुल की बनावट में कई तकनीकी चुनौतियां रहीं, जिससे निपटने में डॉक्टर माधवी लता ने अहम योगदान दिया।
योगदान
डॉक्टर माधवी लता का 17 साल का योगदान
इस पुल के निर्माण में बेंगलुरु की रॉक इंजीनियरिंग विशेषज्ञ डॉक्टर माधवी लता ने बड़ी भूमिका निभाई।
उन्होंने भू-तकनीकी सलाहकार के रूप में 17 साल तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया। ढलान की मजबूती और पुल की नींव को लेकर उन्होंने वैज्ञानिक सलाह दी।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी उनकी मेहनत की तारीफ की और उन्हें प्रेरणा बताया। उनका काम इस पुल की सफलता में बहुत अहम रहा है।
परिचय
प्रोफेसर, शोधकर्ता और पहली महिला फैकल्टी
डॉक्टर माधवी इस समय IISc बेंगलुरु में सिविल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर हैं।
उन्होंने JNTU से बीटेक, NIT वारंगल से एमटेक और IIT-मद्रास से पीएचडी की। वह 2004 में IISc की पहली महिला प्रोफेसर बनीं। उन्होंने महिला शौचालय बनवाने के लिए भी संघर्ष किया, जिससे महिलाओं के लिए माहौल बेहतर हुआ।
उन्हें 2021 में सर्वश्रेष्ठ महिला भू-तकनीकी शोधकर्ता और 2022 में भारत की टॉप 75 STEAM महिलाओं में शामिल किया गया, जो उनके योगदान की पहचान है।