हाथरस हादसा: SIT रिपोर्ट में प्रशासन और आयोजन समिति पर निशाना, 'भोले बाबा' का जिक्र नहीं
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि (सूरजपाल) के सत्संग में भगदड़ से 123 लोगों की मौत के मामले विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, 300 पन्नों की रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली समिति पर निशाना साधा गया है। साथ ही प्रशासन के अधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं।
रिपोर्ट में भोले बाला का जिक्र तक नहीं किया गया है।
रिपोर्ट
119 लोगों के दर्ज किए गए बयान
रिपोर्ट में हादसे से जुड़े 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें प्रभावित परिवारों के अलावा हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल, सत्संग की अनुमति देने वाले सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट और भगदड़ के दिन ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के बयान शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सत्संग में 2 लाख लोग पहुंचे थे, जबकि अनुमति 80,000 लोगों के आने की थी।
जांच टीम में आगरा जोन के अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं।
गिरफ्तारी
मुख्य आरोपी समेत 7 लोगों की हुई है गिरफ्तारी
भगदड़ मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी की है, जिसमें मुख्य सेवादार और आरोपी देवप्रकाश मधुकर भी शामिल है।
मधुकर हादसे के बाद से फरार था, जिस पर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। मधुकर को पुलिस ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा 6 अन्य सेवादार भी पुलिस गिरफ्त में हैं। आरोप है कि इन सभी पर सत्संग के आयोजन और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी थी।
हादसा
हादसे में गई है 123 लोगों की जान
2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के समापन पर बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई थी।
बताया जाता है कि सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनके चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े। इस दौरान आयोजकों की लापरवाही से भगदड़ मची और कुचलने से 123 लोगों की मौत हो गई।
घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है।
बयान
भोले बाबा ने क्या कहा?
घटना के 4 दिन बाद 6 जुलाई को भोले बाबा का पहला बयान आया था।
उन्होंने कहा था, "प्रभु हमें दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति दें। सभी शासन-प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, वो बख्शे नहीं जाएंगे। हमने वकील के माध्यम से समिति के महापुरुषों से दिवंगत आत्माओं के परिजनों एवं घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन-मन-धन से खड़ा रहने का आग्रह किया है। इसको सभी ने माना भी है।"