2026 में फिर हो सकता है भारत-पाकिस्तान युद्ध, अमेरिकी थिंक टैंक की चेतावनी
क्या है खबर?
अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) ने संभावना जताई है कि अगले साल 2026 में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र युद्ध हो सकता है। अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञों के सर्वेक्षण पर आधारित इस रिपोर्ट 'कॉन्फ्लिक्ट टू वॉच 2026' में बताया गया है कि बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच टकराव की 'मध्यम संभावना' है। इसका अमेरिकी हितों पर भी मध्यम प्रभाव पड़ सकता है।
रिपोर्ट
जम्मू क्षेत्र में सक्रिय हैं 30 से अधिक आतंकी- रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ, लेकिन खुफिया जानकारी से पता चलता है कि भीषण सर्दी में जम्मू क्षेत्र में 30 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं। CFR ने चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह का तनाव बढ़ा तो अमेरिकी हितों पर भी मध्यम स्तर का प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने रक्षा तैयारियों और हथियारों की खरीद में काफी तेजी लाई है।
संघर्ष
अफगानिस्तान से भी भिड़ सकता है पाकिस्तान
रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 में पाकिस्तान को एक नहीं बल्कि 2 मोर्चों से चुनौती मिल सकती है। उसकी अफगानिस्तान से भी झड़प होने की पूरी संभावना है। CFR में बताया गया है कि आने वाले वर्षों में दक्षिण एशिया एक बार फिर संघर्ष का केंद्र बन सकता है, जिसमें भारत-पाकिस्तान और पाकिस्तान-अफगानिस्तान दोनों मोर्चों पर जोखिम बढ़ जाएगा। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा और वेस्ट बैंक में हिंसा, चीन-ताइवान तनाव और ईरान-इजराइल तनाव भी बढ़ सकता है।
जानकारी
क्या है CFR थिंक टैंक?
CFR की स्थापना 1921 में हुई है, जो अमेरिका का सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक है। इसमें पूर्व राजनयिक, सैन्य अधिकारी, शिक्षाविद और नीति विशेषज्ञ शामिल हैं। इसके विश्लेषण और सिफारिशों पर अमेरिकी सरकार, व्हाइट हाउस, कांग्रेस और अमेरिकी नीति निर्माता बारीकी से नजर रखते हैं।
युद्ध
इस साल छिड़ा था भारत-पाकिस्तान में युद्ध
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 पुरुष पर्यटकों का धर्म पूछकर उनको गोली मार दी थी। इसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था। हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और दोनों तरफ से ड्रोन-मिसाइल हमले हुए। पाकिस्तान ने बड़े नुकसान के बाद 10 मई को संघर्ष विराम के लिए पहल की, जिसे भारत ने मंजूर किया।