स्वतंत्रता दिवस के पोस्टर में प्रधानमंत्री के साथ छपी उन्नाव रेप के आरोपी सेंगर की तस्वीर
स्वतंत्रता दिवस की बधाई देने वाले एक विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्नाव रेप केस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की तस्वीर लगाई गई। दरअसल, 15 अगस्त को उन्नाव में एक अखबार के पूरे पन्ने पर स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन का बधाई संदेश छपा था। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के साथ रेप के आरोपी सेंगर की फोटो लगी थी। आइये, इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पंचायत अध्यक्ष ने छपवाया विज्ञापन
अखबार में यह बधाई संदेश उंगु नगर पंचायत के अध्यक्ष अनुज कुमार दीक्षित ने छपवाया था। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, "वह (कुलदीप सिंह सेंगर) हमारे इलाके के विधायक है। जब तक वह विधायक हैं, उनकी फोटो लगाई जा सकती है।" इस पोस्टर में सेंगर की पत्नी और जिला पंचायत अध्यक्ष संगीता सेंगर की भी तस्वीर लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंगर की वजह से ही अनुज ने भाजपा का दामन थामा था।
यहां देखिये अखबार में छपा विज्ञापन
भाजपा ने खुद को किया दूर
रेप के आरोपी विधायक पर देर से कार्रवाई करने के बाद आलोचनाओं से घिरी भाजपा ने इस पोस्टर से खुद को दूर किया है। पार्टी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि सेंगर की तस्वीर विज्ञापन में देना किसी की निजी पसंद हो सकती है। पार्टी और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा ''पार्टी और सरकार को जो करना था, वह किया जा चुका है। हमारी सेंगर के साथ कोई सहानुभूति नहीं है।"
सेंगर के खिलाफ तय हो चुके हैं रेप और हत्या के आरोप
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों समेत अन्य आरोपियों पर उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने सेंगर और अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता से मारपीट और आर्म्स एक्ट के तहत फंसाने के आरोप तय किए थे। इससे पहले इसी कोर्ट ने सेंगर पर रेप के आरोप भी तय किए थे। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश उन्नाव के सभी मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो रही है।
सेंगर पर 2017 में रेप करने का आरोप
सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उसके घर नौकरी मांगने आई पीड़िता का रेप किया था। CBI के अनुसार, सेंगर का सहयोगी शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने विधायक के घर लेकर आया, जहां सेंगर ने कमरे में ले जाकर पीड़िता का रेप किया। एक साल तक इंसाफ के लिए भटकने के बाद पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की, जिससे मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आया।
दिल्ली की जेल में बंद है सेंगर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेंगर को भी सीतापुर जेल से दिल्ली की रोहिणी जेल में शिफ्ट किया गया। CBI ने पाया था कि सीतापुर जेल में बंद रहने के दौरान लगभग 10,000 लोगों ने सेंगर से मुलाकात की थी। इन लोगों में उसके परिजन और रिश्तेदार ही नहीं बल्कि साक्षी महाराज समेत भाजपा के कई नेता और विधायक शामिल हैं। बड़ी बात ये है कि कई लोग बिना रजिस्टर में एंट्री किए सेंगर से मिलते थे।