भारत में अगस्त में बेरोजगारी दर बढ़कर हुई 8.28 प्रतिशत, 12 महीनों में सबसे अधिक
क्या है खबर?
देश में लगातार बढ़ती महंगाई के साथ बेरोजगारी में भी इजाफा हो रहा है।
यही कारण है कि देश में अगस्त में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.28 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि जुलाई में यह दर 6.80 प्रतिशत थी।
ऐसे में बेरोजगारी दर जुलाई की तुलना में 1.48 प्रतिशत बढ़कर पिछले 12 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर जारी की गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
कमी
जुलाई की तुलना में 24 लाख तक घटा रोजगार
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत थी तथा 39.70 करोड़ लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध था, लेकिन अगस्त में यह दर बढ़कर 8.28 प्रतिशत पर पहुंच गई।
इसके साथ ही रोजगार की संख्या भी 24 लाख की कमी के साथ 39.46 करोड़ पर आ गई।
इससे साफ है कि एक महीने में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों में कमी आई है। इस स्थिति ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर डाला है।
तुलना
शहरों की तुलना में गावों में अधिक बढ़ी बेरोजगारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में शहरी बेरोजगारी दर अगस्त में बढ़कर 9.57 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जुलाई के महीने में 8.20 प्रतिशत पर थी। ऐसे में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर में 1.37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में इजाफा देखने को मिली है। जुलाई में ग्रमीण बेरोजगारी की दर 6.14 प्रतिशत थी, जो अगस्त में 1.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 7.68 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
सबसे अधिक
हरियाणा में है सबसे अधिक बेरोजगारी दर
CMIE की रिपोर्ट के अनुसार, भले ही देश की बेरोजगारी दर 8.28 प्रतिशत है, लेकिन हरियाणा में यह सबसे अधिक 37.3 प्रतिशत पर है।
इसी तरह बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में 32.8 प्रतिशत, राजस्थान में 31.4 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 प्रतिशत और त्रिपुरा में 16.3 प्रतिशत है।
इसके उलट छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम 0.4 प्रतिशत, मेघालय में दो प्रतिशत, महाराष्ट्र में 2.2 प्रतिशत और गुजरात तथा ओडिशा में 2.6 प्रतिशत रही है।
बयान
रोजगार में लगातार आ रही है कमी- व्यास
CMIE के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा, "यह बुरा महीना रहा है। 40 लाख और लोग बाजार में आए, लेकिन हम उन्हें रोजगार नहीं दे सके। रोजगार में लगातार कमी आ रही है और जुलाई की तुलना में अगस्त में कम लोगों को रोजगार मिला है।"
उन्होंने कहा, "अनियमित बारिश ने बुवाई गतिविधियों को प्रभावित किया और यह ग्रामीण भारत में बेरोजगारी बढ़ने का अहम कारण है। हालांकि, आने वाले समय में ग्रामीण बेरोजगारी में कमी आ सकती है।"
भागीदारी
बहुत कम है युवाओं की श्रम भागीदारी- व्यास
व्यास ने कहा, "युवाओं में 15-24 आयु वर्ग में अपेक्षाकृत कम श्रम भागीदारी दर है। 2016-17 और 2021-22 के बीच श्रम भागीदारी औसत 42.6 प्रतिशत थी, लेकिन युवाओं की श्रम भागीदारी दर 22.7 प्रतिशत पर बहुत कम है। फिर भी, युवाओं को बहुत अधिक बेरोजगारी दर का सामना करना पड़ता है।"
उन्होंने कहा, "कुल बेरोजगारी दर औसतन सात प्रतिशत है, लेकिन युवाओं ने 34 प्रतिशत से अधिक की बेरोजगारी दर का अनुभव किया है।"