मंगलौर: मंदिर को अपवित्र करने वाले दो आरोपियों का "दैवीय प्रकोप" से बचने के लिए आत्मसमर्पण
क्या है खबर?
कर्नाटक के मंगलौर में एक विचित्र घटना सामने आई है। यहां के एक प्रसिद्ध मंदिर की दान पेटी में आपत्तिजनक सामग्री डालने वाले दो लोगों ने अपने तीसरे साथी की मौत के बाद आत्मसमर्पण कर दिया।
तीसरे आरोपी ने मरने से पहले बाकी उनसे भगवान से माफी मांगने और अपना गुनाम कबूल करने को कहा था। बुधवार रात को उन्होंने मंदिर के पुजारी के सामने अपना गुनाम कबूल कर लिया जिसके बाद गुरूवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
मंगलौर स्थित प्रसिद्ध कोरगज्जा देवस्थान मंदिर की दान पेटी में हालिया महीनों में कम से कम चार बार कंडोम और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां पाई गई थीं। इसके अलावा कंकनाडी के मंदिर के परिसर में पेशाब करने का एक मामला भी सामने आया था।
इलाके में कोरगज्जा को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और इन घटनाओं के बाद यहां तनाव बना हुआ था। आरोपियों को ढूढ़ने में "दैवीय हस्तक्षेप" के लिए भक्तों ने एक मार्च भी निकाली थी।
खुलासा
दो आरोपियों के आत्मसमर्पण के बाद हुआ रहस्य का खुलासा
अब अब्दुल रहीम और तौफीक के आत्मसमर्पण करने के बाद पूरे रहस्य का खुलासा हुआ है। पुलिस कमिश्नर एन शशि कुमार के अनुसार, इन दोनों ने अपने तीसरे साथी नवाज (32) के साथ मिलकर इन घटनाओं को अंजाम दिया था।
दो साल पहले दुबई से लौटा नवाज काला जादू करता था और कोरगज्जा की शक्ति को चुनौती देने के लिए उसने रहीम और तौफीक के साथ इन सभी घटनाओं को अंजाम दिया था।
मौत
नवाज की हुई अचानक मौत, मौत से पहले साथियों से गुनाम कबूल करने को कहा
इन घटनाओं को अंजाम देने के बाद नवाज अचानक से बहुत बीमार हो गया और उसकी मौत हो गई। मौत से पहले उसने रहीम और तौफीक को अपने पास बुलाया और उनसे कोरगज्जा देवस्थान की शक्ति को मानते हुए मंदिर जाकर गुनाह कबूल करने को कहा।
इस बीच नवाज की तरह तौफीक की भी तबीयत खराब रहने लगी जिसके बाद उसने और रहीम ने अपना गुनाह कबूल करने के लिए कोरगज्जा देवस्थान के पुजारी से संपर्क किया।
कबूलनामा
बुधवार रात को आरोपियों ने कबूल किया अपना गुनाह
तौफीक और रहीम ने बुधवार रात को वार्षिक नमोत्सव के मौके पर कोरगज्जा देवस्थान जाकर अपना गुनाम कबूल कर लिया और अपने कृत्यों के लिए कोरगज्जा से माफी मांगी।
अगले दिन उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर दिया। दोनों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 A (धार्मिक स्थल पर हमला) लगाई गई है और पुलिस घटना के सबूत और CCTV फुटेज इकट्ठा करने में जुटी हुई है।
जानकारी
सबूतों की कमी के कारण केस कमजोर स्थिति में
पुलिस कमिश्नर शशि कुमार ने कहा कि देवस्थान पर कबूलनामा कानूनी तौर पर मान्य नहीं है और पुलिस मामले में सबूत इकट्ठा कर रही है। CCTV फुटेज की अनुपस्थिति और अपराध की सटीक तारीख पता न होने के कारण पुलिस केस कमजोर स्थिति में है।