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एंजेल चकमा का फ्रांसीसी कंपनी में हुआ था कैंपस प्लेसमेंट, उतारना था शिक्षा ऋण
त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा को मिल चुकी थी नौकरी

एंजेल चकमा का फ्रांसीसी कंपनी में हुआ था कैंपस प्लेसमेंट, उतारना था शिक्षा ऋण

लेखन गजेंद्र
Dec 29, 2025
06:26 pm

क्या है खबर?

उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के जिस 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हत्या हुई है, वह पढ़ाई में काफी होनहार था और उसे अपने परिवार के सपनों को पूरा करना था। उसके पिता तरुण चकमा ने उसे उत्तराखंड में MBA की पढ़ाई कराने के लिए शिक्षा ऋण लिया था। एंजेल चाहता था कि वह नौकरी करके अपने माता-पिता के सिर से इस कर्ज को खत्म करे। वह फुटबॉल खेलने में भी माहिर था।

हत्या

फ्रांसीसी कंपनी में मिल चुकी थी नौकरी

इंडियन एक्सप्रेस ने जिज्ञासा विश्वविद्यालय के डीन डॉ विवेक सिंह के हवाले से बताया कि चकमा एक सक्रिय छात्र थे, जो फुटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते थे। उनका MBA में तीसरा सेमेस्टर था, इसलिए उन्होंने कुछ कैंपस प्लेसमेंट में भाग लिया। चकमा कुछ उन छात्रों में शामिल थे, जिन्हें नौकरी का ऑफर मिल गया था। सिंह ने बताया कि चकमा को खेल सामग्री का कारोबार करने वाली एक फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी मिली थी, जिसको लेकर वे उत्साहित थे।

कर्ज

पढ़ाई के लिए पिता ने लिया था कर्ज

मणिपुर में तैनात चकमा के पिता तरुण ने उनकी पढ़ाई के लिए बैंक से शिक्षा ऋण लिया था। एंजेल ने अपने माता-पिता से कहा था कि वह नौकरी के बाद कर्ज चुका देगा। एंजेल के चाचा मोमेन ने बताया कि एंजेल एक होनहार छात्र था। उसका परिवार बहुत धनी नहीं है, त्रिपुरा के अ्य परिवारों की तरह उनका परिवार भी सामान्य मध्यमवर्गीय है। उन्होंने बताया कि चकमा की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा सिर पर थी, जिसको लेकर वह चिंतित था।

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हत्या

नफरत का शिकार बना छात्र

देहरादून के सेलाकुई में 9 दिसंबर को नशे में धुत युवकों के समूह ने एंजेल और छोटे भाई माइकल चकमा को 'चाइनीज मोमो' कहकर चिढ़ाया था। एंजेल ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया। एंजेल को गंभीर चोटों के बीच ग्राफिर एरा अस्पताल में भर्ती किया, जहां 17 दिन बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने 2 नाबालिग समेत 5 को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी नेपाल फरार है।

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देरी

पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की

एंजेल के परिजनों ने बताया कि हमले के बाद पुलिस से अगले दिन शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने 12 दिसंबर को FIR दर्ज की। जब विरोध बढ़ा, तब पुलिस ने 14 दिसंबर को गिरफ्तारियां की, जिसमें मुख्य आरोपी अवस्थी नेपाल फरार हो गया। अब बताया जा रहा है कि वह नेपाल का निवासी है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शंकर राममूर्ति का कहना है कि पहले एंजेल ठीक होता नजर आ रहा था, लेकिन अचानक उनकी हालत बिगड़ गई।

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