कर्नाटक: सावरकर के पोस्टर को लेकर शिवमोगा में तनाव, कई इलाकों में कर्फ्यू
क्या है खबर?
कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सोमवार को अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया।
कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू समर्थक समूहों द्वारा लगाए गए पोस्टर का विरोध किया है।
इसके कुछ घंटों बाद गांधी बाजार इलाके में एक युवक पर चाकू से हमला करने के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया। इसको देखते हुए प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।
विवाद
हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं ने लगाया था सावरकर का पोस्टर
हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं ने रविवार को अमीर अहमद सर्कल पर वीर सावरकर की फोटो वाला पोस्टर लगाते हुए सर्कल का नाम सावरकर के नाम पर करने की मांग की थी।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने इस पर आपत्ति जताते हुए पोस्टर हटाने की मांग की थी।
उसके बाद निगम आयुक्त अक्षय श्रीधर ने बैनर को हटाने के आदेश दिए थे और शाम को पोस्टर को हटा दिया गया था। इसका हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था।
हमला
गांधी बाजार में युवक पर किया चाकू से हमला
सावरकर के पोस्टर को लेकर चल रहे विवाद के बीच दोपहर में गांधी बाजार में अज्ञात युवकों ने प्रेम सिंह नाम के युवक पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। इसके बाद अन्य लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
इस घटना को लेकर इलाके में तनाव बढ़ गया है। हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सावरकर के पोस्टर का विरोध करने वालों ने ही यह हमला किया है। इसके बाद प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया।
बयान
सावरकर पोस्टर विवाद से हो सकता है घटना का सम्बंध- गृह मंत्री
इस घटना को लेकर राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इंडिया टुडे से कहा, "मुझे बताया गया है कि शिवमोग्गा में चाकू मारने की एक घटना हुई है। यह सावरकर के पोस्टर को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा मामला हो सकता है। हालांकि, अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है।"
उन्होंने कहा, "पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
पृष्ठभूमि
भाजपा विधायक ने रखा था नाम बदलने का प्रस्ताव
नगर निगम ने इससे पहले मेंगलुरु उत्तर से भाजपा विधायक वाई भारत शेट्टी के अनुरोध पर अमीर अहमद सर्कल का नाम सावरकर के नाम पर रखने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था, लेकिन सरकार की मंजूरी नहीं मिली थी।
निगम आयुक्त श्रीधर ने कहा कि नगर परिषद ने नाम बदलने का प्रस्ताव मंजूर किया था। हालांकि, सरकार से आधिकारिक मंजूरी न मिलने और शिकायतों को देखते हुए सावरकर का पोस्टर हटा दिया गया है।