
अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में आया फैसला, दोषी गणानासेकरन को 30 साल आजीवन कारावास
क्या है खबर?
तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में सोमवार को चेन्नई की विशेष महिला कोर्ट का फैसला आ गया, जिसमें आरोपी गणानासेकरन को 30 साल आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
न्यायमूर्ति राजलक्ष्मी ने गणानासेकरन को सजा सुनाने के साथ ही 90,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी को 28 मई को महिला कोर्ट ने सभी 11 आरोपों में दोषी करार दिया था। आरोपों की पुष्टि फॉरेंसिक साक्ष्यों से हुई थी।
घटना
क्या है मामला?
कोट्टूर निवासी गणानासेकरन अन्ना विश्वविद्यालय के पास बिरयानी की दुकान चलाता है।
उस पर आरोप था कि उसने पिछले साल 23 दिसंबर की रात 8 बजे परिसर में घुसकर एक सुनसान जगह पर 19 वर्षीय छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था और उसके पुरुष मित्र को मारा-पीटा था।
गणानासेकरन ने घटना वीडियो रिकॉर्ड कर पीड़ितों को ब्लैकमेल किया था।
बाद में उसे ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
विवाद
DMK के साथ जुड़ाव को लेकर खूब हुआ हंगामा
गणानासेकरन की गिरफ्तारी के बाद उसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें वह सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेताओं के साथ दिख रहा है।
भाजपा नेता के अन्नामलाई ने आरोप लगाया था कि ज्ञानशेखरन DMK छात्र विंग का पदाधिकारी है। हालांकि, DMK के मंत्रियों और नेताओं ने इस पर सफाई दी और आरोपों को नकारा था।
पीड़िता की पहचान सार्वजनिक होने पर मद्रास हाई कोर्ट ने महिला विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था।
जानकारी
24 फरवरी को पूरी हुई थी SIT जांच
SIT ने 24 फरवरी को जांच पूरी की थी और क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट के पास 100 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसे 7 मार्च को महिला कोर्ट को सौंपा गया था। आरोपपत्र में गणानासेकरन के खिलाफ महिला अपराध से जुड़े गंभीर आरोप तय हुए थे।