IIT-NIT में बढ़े छात्रों की आत्महत्या के मामले, हर महीने एक छात्र ने की आत्महत्या- रिपोर्ट
पिछले 5 वर्षों में देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) में पढ़ने वाले छात्रों की आत्महत्या के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, इन संस्थानों में पिछले 66 महीनों में 64 छात्रों ने आत्महत्या की है यानी लगभग हर एक महीने में एक छात्र ने आत्महत्या की है। 2018 और जुलाई, 2023 के बीच IIT के 39 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि NIT के 25 छात्रों ने आत्महत्या की।
अन्य केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में भी सामने आए मामले
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के बाद से 135 विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों में कम से कम 137 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। इन संस्थानों में IIT और NIT के अलावा भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) और कई केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। इनमें से आधे से अधिक मामले यानी 91 आत्महत्याएं 2018 और 2022 के बीच दर्ज की गई हैं।
किन राज्यों में सामने आए सर्वाधिक मामले?
शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में स्थित केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में 2018-2022 के बीच लगातार आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। इन तीनों राज्यों में हर साल आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। इस समयावधि के दौरान दिल्ली में स्थित शिक्षण संस्थानों में 14 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह संख्या क्रमशः 13 और 6 है।
कोटा में भी इस साल 24 छात्र कर चुके हैं आत्महत्या
इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए तैयारी करवाने के लिए लोकप्रिय राजस्थान के कोटा में भी छात्रों की आत्महत्या के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल अब तक कोटा में 24 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं, जिनमें से 5 छात्रों ने सिर्फ अगस्त में अपनी जान दे दी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2017 से 2022 के बीच कम से कम 46 छात्रों ने आत्महत्या की थी।
यहां से लें सहायता
अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 या आसरा NGO के हेल्पलाइन नंबर 91-22-27546669 पर संपर्क करें।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 2021 में प्रतिदिन कम से कम 36 छात्रों ने आत्महत्या की थी। 2017 में यह संख्या सिर्फ 27 थी। इससे पता चलता है कि 2017 और 2021 के बीच छात्रों की आत्महत्या के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। NCRB के मुताबिक, 2021 में कुल आत्महत्याओं में से 8 प्रतिशत पीड़ित छात्र थे, जबकि 10 साल पहले 2011 में छात्र आत्महत्या के कुल पीड़ितों के 5.7 प्रतिशत थे।