उत्तर प्रदेश: निजी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में घुसे आवारा कुत्ते ने नवजात को नोचा, मौत
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद स्थित आकाश गंगा अस्पताल में सोमवार को लापरवाही का एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसके कारण एक दम्पति को अपने नवजात बच्चे को खोना पड़ गया।
दरअसल सोमवार को अस्पताल कर्मचारियों की अनदेखी के चलते एक आवारा कुत्ता ऑपरेशन थियेटर में घुस गया और वहां मौजूद एक नवजात को अपना निशाना बना लिया। इससे नवजात बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। मामले को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया है।
प्रसव
प्रसव के लिए पहुंचे थे अस्पताल
नवजात बच्चे के पिता रवि कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह उसकी पत्नी कंचन को प्रसव पीड़ा होने के बाद आकाश गंगा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शुरुआत में तो अस्पताल कर्मचारियों ने सामान्य प्रसव होने की बात कही थी, लेकिन बाद में मेडिकल जांच करने के बाद सिजेरियन करने के लिए बोला गया था।
सुबह करीब 08:30 बजे ऑपरेशन के बाद कंचन को तो वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन उसे बच्चा नहीं दिया गया।
प्रवेश
मुख्य दरवाजे से घुसा आवारा कुत्ता
कोतवाल वेदप्रकाश पांडेय ने बताया कि अस्पताल के जिस ऑपरेशन थियेटर में यह घटना हुई है, उसमे जाने के लिए दो दरवाजे बने हुए हैं। एक दरवाजा बेसमेंट में खुलता है और दूसरा मुख्य मार्ग की ओर।
मुख्य मार्ग पर खुलने वाले दरवाजे पर लगे स्टॉपर कई दिनों से खराब हैं। आशंका है कि तैनात कर्मचारियों की अनदेखी के चलते इसी दरवाजे से कुत्ता ऑपरेशन थियेटर में घुसा होगा। इसीलिए वह बच्चे तक पहुंच गया और उसे नोचकर मार डाला।
साजिश
अस्पताल प्रशासन ने रची बड़ी साजिश
वारदात को छिपाने के लिए अस्पताल ने बड़ी साजिश रच डाली। प्रसव के बाद आवारा कुत्ते ने ऑपरेशन थियेटर में नवजात बच्चे पर हमला बोला तो उसकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को मृत बच्चा होना बता दिया। परिजनों ने बच्चा मांगा तो नहीं दिया, लेकिन सख्ती करने पर उन्हें बच्चा सुपुर्द कर दिया।
उसकी आंख और शरीर पर घाव के निशान थे। बाद में पता चला की कुत्ते के हमले से उनके बच्चे की मौत हुई है।
लालच
मामला दबाने के लिए दिया पैसों का लालच
पीडि़त रवि कुमार ने बताया कि जब ऑपरेशन थियेटर में आवारा कुत्ते के घुसने तथा उसके बच्चे पर हमला करने की बात सामने आई तो अस्पताल प्रशासन ने उनसे शांति रखने की अपील की।
इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाने के लिए उन्हें पैसे देने की भी बात कही। कई जिम्मेदार कर्मचारी तो मौके से फरार हो गए। पीड़ित ने न्याय मिलने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कार्रवाई
संचालक के खिलाफ मामला दर्ज, अस्पताल को किया सील
परिजनों के हंगामें के बाद पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की तो उसमें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। कोतवाल वेदप्रकाश पांडेय ने बताया कि पिता के तहरीर पर डॉ. मोहित गुप्ता और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
जिला कलक्टर मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजीव शल्य की जांच में अस्पताल वैध दस्तावेज के बिना चल रहा था। इस पर अस्पताल को सील कर दिया गया है।