मणिपुर: हिंसा पर चर्चा के लिए आज विशेष विधानसभा सत्र, कुकी विधायकों ने किया बहिष्कार
क्या है खबर?
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद राज्य सरकार की मांग पर आज एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में राज्य में लगभग 4 महीने से जारी हिंसा पर चर्चा होगी।
मणिपुर विधानसभा आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बैठी थी और 3 मई को राज्य में हुई हिंसक झड़पों के कारण मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था।
आइए इस अहम सत्र की कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
सत्र
10 कुकी-जोमी विधायक सत्र में नहीं लेंगे हिस्सा
मणिपुर के स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कहा कि इस एक दिवसीय विधानसभा सत्र में राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र में कोई प्रश्नकाल या निजी सदस्य प्रस्ताव पास नहीं होगा।
खबर है कि राज्य के सभी 10 कुकी-जोमी विधायक सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए मैतेई बहुल इम्फाल घाटी की यात्रा करना असुरक्षित है, जहां विधानसभा स्थित है।
दूसरी ओर नागा विधायकों के सत्र में शामिल होने की संभावना है।
सत्र
सत्र में मौजूदा जातीय संकट पर पारित हो सकते हैं कुछ प्रस्ताव
NDTV को भाजपा के सूत्रों ने संकेत दिया कि सत्र में मौजूदा जातीय संकट पर कुछ प्रस्ताव अपनाए जाने की संभावना है। इसके विपरीत आदिवासी निकायों ने संकल्प लिया है कि विधानसभा द्वारा अपनाया गया कोई भी प्रस्ताव कुकी क्षेत्रों में बाध्यकारी नहीं होगा।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी कहा कि यह एक दिवसीय सत्र जनहित में नहीं है।
10 कुकी विधायकों ने सुरक्षा स्थिति के कारण इस सत्र को स्थगित करने और आगे बढ़ाने की मांग की थी।
मांग
अनुच्छेद 174 के तहत बुलाया गया विशेष विधानसभा सत्र
संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुसार, विधानसभा सत्र अपनी अंतिम बैठक से 6 महीने के भीतर बुलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 21 अगस्त तक सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में राजभवन से हरी झंडी नहीं मिलने पर इसे संशोधित कर 28 अगस्त कर दिया गया।
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसमें भी संशोधन करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र 29 अगस्त को बुलाया जाएगा।
स्थिति
राज्य में अभी भी छिटपुट हिंसक घटनाएं जारी
राज्य में एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने सोमवार को कहा था कि मणिपुर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
इससे 2 दिन पहले राज्य की राजधानी इम्फाल से आगजनी की एक घटना सामने आई थी, जब भीड़ ने 3 खाली पड़े घरों में आग लगा दी थी।
इसके अलावा रविवार सुबह इंफाल पश्चिम जिले में अज्ञात लोगों ने सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीन लिए थे।
क्या है हिंसा
मणिपुर हिंसा में अब तक लगभग 170 लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
मणिपुर हिंसा में कम से कम 170 लोगों की मौत हो चुकी है, 6,000 से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और 30 लोग महीनों से लापता हैं।
यहां हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 140 कंपनियां तैनात हैं।