कोरोना वायरस से ठीक हुई डॉक्टर बोली- सेफ्टी गियर की कमी बड़ा मुद्दा
हरियाणा के गुरुग्राम में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित 10 में से नौ लोग ठीक हो गए हैं। इनमें से एक 35 वर्षीय डॉक्टर शीनम भी शामिल हैं। सिविल अस्पताल के सैंपल कलेक्शन लैब की नोडल ऑफिसर डॉक्टर शीनम में 20 मार्च को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के लिए PPE (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) सूट की कमी एक बड़ा मुद्दा है। आइये, महामारी से ठीक होने के उनके अनुभव के बारे में जानते हैं।
कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच में लगी थी शीनम
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए शीनम ने बताया, "मुझे संक्रमण के बाद 21 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मेरे आठ महीने के बच्चे और पति को पीछे छोड़ना आसान नहीं था। उनका भी टेस्ट किया गया। अच्छी बात यह है कि उनका रिजल्ट नेगेटिव आया। ऐहतियात के तौर पर उन्हें घर में क्वारंटाइन किया गया।" शीनम मार्च की शुरुआत से महामारी के संदिग्ध मरीजों की जांच के काम में लगी थी।
बिना सेफ्टी सूट के मरीजों से मिली थीं शीनम
शीनम का काम संदिग्ध मरीजों के सैंपल कलेक्ट करना, उन्हें सील करना और टेस्ट के लिए लैब में भेजना सुनिश्चित करना था। उन्होंने कहा कि वो संदिग्ध मरीजों और सैंपल लेने वाले डॉक्टरों से दूरी बनाकर रहती थी। शीनम ने बताया कि उन्हें लगता है कि सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बिना प्रोटेक्टिव गियर के मरीज के संपर्क में आने से उन्हें संक्रमण हुआ होगा।
PPE की कमी थी बड़ी समस्या- शीनम
शीनम ने कहा, "मैं सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में COVID-19 के मरीज से मिली थी। वह काफी अशांत था। उस समय मैंने मास्क, ग्लव्स और एप्रेन पहना था। हमारे पास PPE का स्टॉक नहीं था। हमारे पास सेफ्टी किट की सप्लाई नहीं आ रही थी। यह एक रिस्क था और मेरी खराब किस्मत रही कि मुझे संक्रमण हो गया।" हालांकि, उन्होंने कहा कि यह समस्या दूर हो गई है और अब स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सेफ्टी किट मिल रही हैं।
मरीज के संपर्क में आने के दो दिन बाद शीनम में दिखे लक्षण
मरीज के संपर्क में आने के दो दिन बाद शीनम को हल्का बुखार और डायरिया हो गया। उन्हें लगा कि बाहर खाना खाने के वजह से ऐसा हुआ होगा। उन्होंने कहा, "महामारी के लक्षण देखते हुए मैंने दूसरे डॉक्टर से सलाह ली तो उन्होंने मुझे टेस्ट कराने के लिए कहा।" 19 मार्च को शीनम ने टेस्ट कराया और अगले दिन रिपोर्ट में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
शीनम के साथ काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के भी लिए गए सैंपल
उन्होंने बताया, "अगली सुबह मैं अस्पताल गई और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हो गई।" इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने उनके साथ काम करने वाले एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों के सैंपल इकट्ठे किए।
आठ महीने के बच्चे को संभालना शीनम के बना चुनौती
शीनम ने कहा कि उनके आठ महीनों के बच्चे को संभालना उनके और उनके पति के लिए बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि वो वीडियो कॉल के जरिये अपने पति को बच्चे को संभालने के टिप्स देती थी। उनके पड़ोसियों ने भी संकट की घड़ी में उनके परिवार का साथ दिया और रोजाना उनके पति के लिए खाना पहुंचाते थे। हालांकि, इस दौरान उनके आसपास रहने वाले कुछ लोगों के बर्ताव से शीनम को बुरा भी लगा था।
कुछ लोगों के बर्ताव से शीनम को लगा बुरा
शीनम ने बताया, "सोसायटी के लोग हमारे पड़ोसियों को हमारी मदद न करने के लिए कह रहे थे। लोग मेरे पति के साथ बुरा बर्ताव करते थे। इससे तंग होकर मेरे परिवार को सोसायटी के लोगों को समझाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी।"