कोरोना वायरस: एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में 24 घंटे के अंदर दूसरा मामला
क्या है खबर?
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती वाले मुंबई के धारावी में 24 घंटे के अंदर कोरोना वायरस का दूसरा मामला सामने आया है।
गुरूवार को बृह्नमुंबई नगर निगम (BMC) में काम करने वाले 52 साल के सफाईकर्मी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। वह वर्ली इलाके का रहने वाला है लेकिन उसकी पोस्टिंग धारावी में थी। हल्के लक्षण दिखने पर उसका टेस्ट कराया गया था।
उसके परिवार के सदस्यों और 23 साथियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
अन्य मामला
कल कोरोना वायरस की वजह से हुई थी एक शख्स की मौत
इससे पहले कल धारावी में ही 56 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई थी। वह इलाके में कपड़ो की दुकान चलाता था और डॉ बलिगा नगर सोसाइटी में रहता था जिसमें 300 फ्लैट हैं।
उसकी मौत के बाद सभी फ्लैट और आसपास की 90 दुकानों कोे सील कर दिया गया था।
उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है, वहीं परिजनों का टेस्ट किया गया है, जिसके नतीजे आना बाकी है।
हालात
धारावी की झुग्गियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव नहीं
बता दें कि मुंबई की धारावी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है। यहां पांच वर्ग किलोमीटर के इलाके में हजारों झुग्गियां हैं और 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं।
यहां की गलियां बेहद संकरी हैं और झुग्गियों में भी कई लोग एक साथ रहते हैं। इन झुग्गियों में सोशल डिस्टेंसिंग के किसी नियम का पालन लगभग नामुमकिन है।
इसी कारण यहां कोरोना कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
स्थिति
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है महाराष्ट्र
धारावी का संकट इसलिए भी बड़ा है क्योंकि महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है और यहां 300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। कम से कम नौ लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
इसके अलावा राज्य के दो जिले, मुंबई और पुणे, उन इलाकों में शामिल हैं जिनकी पहचान देश में कोरोना वायरस के केंद्र के तौर पर की गई है। धारावी मुंबई में ही स्थित है।
देश का हाल
भारत में 1965 मामले, 50 की मौत
अगर पूरे भारत की बात करें तो देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 1965 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 50 लोगों की मौत हुई है, वहीं 150 को सफल इलाज के बाद घर वापस भेज दिया गया है।
बाकी देशों के मुकाबले अभी तक भारत की स्थिति ठीक बनी हुई है, हालांकि कम टेस्ट के कारण असली स्थिति छिपे होने की आशंका भी जाहिर की जा रही है।