कामधेनु आयोग ने लॉन्च की गाय के गोबर से बनी चिप, कहा- रेडिएशन को करेगी खत्म
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को गाय के गोबर से बनी एक चिप लॉन्च की। इस दौरान आयोग के चेयमैन वल्ल्भभाई कथीरिया ने कहा कि ये चिप मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन कम कर देती है और लोगों को कई बीमारियों से बचाने में सक्षम है। इस दौरान गाय के गोबर को एक दवा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे खाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम अपना पुराना विज्ञान भूल चुके हैं।
कथीरिया बोले- मोबाइल में रखने पर रेडिएशन कम कर देगी चिप
'कामधेनु दीपावली अभियान' का शुभारंभ करने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस चिप को लॉन्च करते हुए कथीरिया ने कहा, "गाय के गोबर से बनी इस चिप को अगर आप अपने मोबाइल में रखते हैं तो यह रेडिएशन को काफी कम कर देती है। अगर आप बीमारी से बचना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।" इस चिप को गौसत्व कवच नाम दिया गया है और इसे गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला ने बनाया है।
50 से 100 रुपये के बीच है एक चिप की कीमत- कथीरिया
कथीरिया ने कहा, "एक चिप की कीमत 50-100 रुपये के बीच है और 500 से अधिक गौशालाएं इस तरह के चिप्स का निर्माण कर रही हैं। अमेरिका में इन्हें निर्यात कर रहे लोग एक चिप को 10 डॉलर की कीमत पर बेच रहे हैं।"
गाय के गोबर से ये चीजें भी बनाई जा रहीं
गाय के गोबर से बने अन्य उत्पादों के बारे में बात करते हुए कथीरिया ने कहा, "गाय का गोबर एंटी रेडिएशन होता है। यह सबकी रक्षा करता है और यदि आप इन चीजों को अपने घर ले जाते हैं तो आपका घर रेडिएशन फ्री हो जाएगी। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है।" उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बने दीयों, मोमबत्तियों, धूप-अगरबत्तियों, हवन सामग्री और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू हो चुका है।
खा सकते हैं गाय का गोबर, एक तरह की दवा- कथीरिया
गाय का गोबर खाने के फायदों के बारे में बोलते हुए कथीरिया ने कहा, "आपने कुछ दिन पहले सुना होगा कि अभिनेता अक्षय कुमार ने गाय का गोबर खाया है। आप भी इसे खा सकते हैं। यह एक तरह की दवा है। लेकिन हम अपने विज्ञान को भूल गए हैं।" उन्होंने कहा कि आयोग ने एक ऐसी शोध परियोजना शुरू की है जिसमें ऐसे विषयों पर शोध किया जाएगा जिन्हें मिथक माना जाता है।
क्या है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग?
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन फरवरी, 2019 में किया गया था और गायों का संरक्षण और विकास इसका लक्ष्य है। अभी इसने दीपावली के मौके पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार सुुनिश्चित करने और गाय के गोबर से बनी सामग्रियों को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु दीपावली अभियान शुरू किया है। आयोग ने इस दीपावली 11 करोड़ परिवारों में गोबर से निर्मित 33 करोड़ दीप जलाने का लक्ष्य रखा है।
गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर- कथीरिया
कथीरिया ने कहा कि यह अभियान गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे चीनी दीयों का बहिष्कार भी सुनिश्चित होगा।