पंजाब: अमृतपाल सिंह को पनाह देने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, पुलिस रिमांड में भेजा
पंजाब पुलिस ने खालिस्तान सर्मथक और वारिस पंजाब दे संगठन प्रमुख अमृतपाल सिंह को पनाह देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। 18 मार्च से पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद से ही अमृतपाल फरार है, जबकि पिछले दिनों उसके करीबी पपलप्रीत सिंह को पुलिस ने होशियारपुर से गिरफ्तार कर लिया था। ऐसे में पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है, लेकिन वह अभी तक वह हत्थे नहीं चढ़ा है।
पुलिस रिमांड ने आरोपियों से होगी पूछताछ
पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को अमृतपाल की छिपने में मदद करने वाले इन दो लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान होशियारपुर जिले के बाबक गांव के राजदीप सिंह और जालंधर जिले के सरबजीत सिंह के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समाने पेश करने के बाद एक दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है, जिनसे अमृतपाल के बारे में पूछताछ की जाएगी।
राजस्थान में छिपा हो सकता है अमृतपाल- इनपुट
पंजाब पुलिस पिछले 28 दिनों से अमृतपाल की तलाश में जुटी है। हाल में पुलिस को इनपुट मिला है कि अमृतपाल राजस्थान में हो सकता है, जिसके बाद से हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में पुलिस ने अपना तलाशी अभियान तेज कर दिया है। इससे पहले अमृतपाल पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कई ठिकाने बदल चुका है। इस बीच उसकी कई CCTV फुटेज भी सामने आई हैं, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हुआ है।
10 अप्रैल का हुई थी पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी
इससे पहले 10 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल से सबसे करीबी सहयोगी पपलप्रीत को होशियारपुर से गिरफ्तार किया था। पपलप्रीत को पंजाब पुलिस और इसकी काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा चलाए गए एक ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसे अब असम की डिब्रूगढ़ में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले वारिस पंजाब दे संगठन से जुड़े 7 अन्य आरोपियों को डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है, जिनमें अमृतपाल का चाचा भी शामिल है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल का जन्म अमृतसर के जादूखेड़ा गांव में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई के बाद वे दुबई चला गया और ट्रांसपोर्ट का कामकाज करने लगा। वो पिछले साल ही दुबई से लौटा है और अपनी दमदार भाषण शैली की वजह से जल्द ही लोकप्रिय हो गया। उसे पिछले साल ही 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख चुना गया था। अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले से भी की जाती है और उसे 'भिंडरांवाले 2.0' कहा जाता है।