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अपने नुकसान के लिए पाक सेना खुद जिम्मेदार, हमारी लड़ाई आतंकवादियों के खिलाफ थी- भारतीय सेना
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को खुद के नुकसान के लिए ठहराया जिम्मेदार

अपने नुकसान के लिए पाक सेना खुद जिम्मेदार, हमारी लड़ाई आतंकवादियों के खिलाफ थी- भारतीय सेना

May 12, 2025
02:52 pm

क्या है खबर?

भारत की तीना सेनाओं के DGMO ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान लेफ्टिनेंट जरनल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों पर भारतीय सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत की कार्रवाई में 35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, लेकिन इस नुकसान के लिए पाकिस्तान की सेना खुद जिम्मेदार है।

लड़ाई

पाकिस्तान ने इस लड़ाई को खुद की लड़ाई बनाया- भारती

एयर मार्शल भारती ने कहा, "हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ है, इसलिए हमने पहले आतंकवादियों के ठिकानों पर ही हमला किया था, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों का साथ देना उचित समझा। इसलिए पाकिस्तान ने इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया इसलिए उनको जवाब देना जरूरी था।" उन्होंने कहा, "हमने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की हैं। पाकिस्तान ने हमले किए, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली को भेदना नामुमकिन है। पाकिस्तान की चीनी मिसाइलें भी फेल हो गईं।

दावा

चीन निर्मित PL-15 मिसाइलें भी लक्ष्य से चूकी- भारती

एयर मार्शल भारती ने कहा, "पाकिस्तान की ओर से दागी गईं चीन निर्मित PL-15 मिसाइलें भी अपने लक्ष्य से चूक गई और आप इसके टुकड़े देख सकते हैं जो हमारे पास उपलब्ध हैं। एक और हथियार जो मिला है, वह लंबी दूरी के रॉकेट हैं। हमने लोइटर युद्ध सामग्री और मानव रहित हवाई प्रणालियों के बारे में बात की है। इन सभी को हमारे प्रशिक्षित चालक दल और वायु रक्षा प्रणाली द्वारा नीचे लाया गया है।"

तैयारी

भारतीय सेना अगले मिशन के लिए पूरी तरह तैयार

एयर मार्शल भारती ने कहा, "भारत के सभी हवाई अड्डे, रक्षा प्रणालियां, लड़ाकू विमान और उपकरण पूरी तरह से चालू और तैयार स्थिति में हैं। ऐसे में भारतीय सेना अपने अगले मिशन के लिए पूरी तरह तैयार हैं।" इसके बाद उन्होंने 'याचना नहीं अब रण होगा' पंक्ति का उदाहरण देते हुए रामचरित मानस की एक चौपाई पढ़ी। उन्होंने कहा, "विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।"

चेतावनी

भारतीय सेना ने जारी की चेतावनी

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी (PIO) भारतीय रक्षा अधिकारी बनकर भारतीय पत्रकारों और नागरिकों को फोन करके ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उनकी ओर से भारतीय व्हाट्सऐप नंबर: 7340921702 और अन्य का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में सभी पत्रकार और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत हैं। उन्होंने ऐसे किसी भी नंबर से कॉल आने पर तत्काल सूचना देने को कहा है।

सफलता

भारतीय सेना बुनियादी ढांचे के नुकसान को कम करने में रही सफल

एयर मार्शल भारती ने कहा, "पाकिस्तानी सेना के अथक प्रयासों के बावजूद भारतीय सेना देश में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को होने वाले नुकसान को कम करने में कामयाब रही है। इसमें भारत की वायु रक्षा प्रणाली काफी कारगर रही है।" उन्होंने कहा, "भारत की वायु रक्षा प्राणाली में सेंसर और हथियार प्रणालियों की एक बड़ी विविधता शामिल है। इनके दम पर ही हमने पाकिस्तान के हर हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया।"

इरादा

पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था- लेफ्टिनेंट जनरल

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "पहलगाम के हमले तक पाप का घड़ा भर चुका था। हमने पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी और कार्रवाई की गई।" उन्होंने कहा, "मैं सीमा सुरक्षा बल (BSF) की भी सराहना करना चाहता हूं। पहरा देने वाले जवान हमारे इस अभियान में शामिल हुए और बहादुरी के साथ हमारा साथ दिया। इसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया। जब हौसलों बुलंद होते हैं, तो मंजिलें भी कदम चूमती हैं।"

सक्षम

सभी खतरों का पता लगाने में सक्षम थी नौसेना- वाइस एडमिरल प्रमोद

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, "हवाई क्षेत्र सहित सतत निगरानी को स्थिर करने के लिए समुद्री बल का उपयोग किया गया। नौसेना एकसाथ हवा, सतह और उप-सतह के खतरों का पता लगाने में सक्षम थी। कई सेंसर और इनपुट का प्रभावी ढंग से उपयोग करके हम निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। यही कारण है कि हम इन खतरों को बेअसर करने में सक्षम थे। हमने खतरों का पता लगाने के लिए अधिकतम रडार का उपयोग किया।"

राहत

LoC पर 19 दिन बाद पहली बार शांति से गुजरी रात 

पाकिस्तान के साथ भारी तनाव के बाद रविवार और सोमवार के बीच की रात ऐसी रही, जिस दौरान नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी प्रकार की कोई गोलाबारी और गोलीबारी नहीं हुई। सेना के अधिकारियों ने बताया जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में 19 दिन बाद शांति से रात गुजरी। बता दें, दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे।