केरल: ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों को हो सकती है स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं- शिक्षा मंत्री
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल से शिक्षण गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है। स्कूलों के नहीं खुलने से शिक्षण कार्य को जारी रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इसके जरिए बच्चे इंटरनेट के जरिए घर बैठे ही पढ़ाई कर सकते हैं।
इसी बीच केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि लंबी ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आ सकती हैं।
हवाला
शिक्षा मंत्री ने दिया राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अध्ययन का हवाला
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के कारण 36 प्रतिशत बच्चों ने गर्दन में दर्द, 28 प्रतिशत ने आंखों से संबंधित परेशानी और 22 प्रतिशत ने चिंता और तनाव की शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि अध्ययन के इन आंकड़ों से साफ होता है कि लंबे समय तक ऑनलाइन पढ़ाई से कई तरह की परेशानी आ सकती है।
बयान
जल्द ही पुरानी व्यवस्था पर आना होगा- शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों की तरह राज्य में भी मार्च 2020 से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। हालांकि, इस बीच ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई थी और इसे डेढ़ साल से अधिक समय बीच चुका है।
उन्होंने कहा कि हमेशा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी नहीं रखी जा सकती है। अध्ययन के अनुसार ऑनलाइन कक्षाओं से छात्र किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे में जल्द से जल्द पुरानी व्यवस्था में वापस जाना होगा।
निर्देश
स्कूल खोलने के लिए केंद्र के निर्देशों का इंतजार कर रही है सरकार
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार स्कूल खोलने के केंद्र के निर्देश का इंतजार कर रही है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। वर्तमान में बड़े विद्यार्थियों के लिए कक्षाएं संचालित करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों ने असमंजस में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को अलग-अलग चरण में खोला जाएगा, लेकिन उससे पहले सभी विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाने पर जोर दिया जा रहा है।
जागरुकता
इंटरनेट के खतरों को बताने के लिए जलाया जाएगा जागरुकता अभियान- शिवनकुट्टी
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने कहा कि मानसिक तनाव को कम करने के लिए छात्रों को मुफ्त परामर्श दिया जाएगा। इसके अलावा माता-पिता को इंटरनेट के अधिक उपयोग से होने वाले खतरों को बताने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने छोटे बच्चों के इंटरनेट उपयोग के लिए निगरानी की आवश्यकता और इंटरनेट पर पढ़ाई के लिए समय निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
सुझाव
माता-पिता को रखनी होगी विशेष निगरानी- शिक्षक
शिक्षक पी निवेदिता ने कहा कि छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान माता-पिता की निगरानी बहुत अधिक जरूरी है। उन्हें गैजेट्स के उपयोग और उसके हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए दोनों के बीच संतुलन स्थापित करना होगा।
बाल मनोवैज्ञानिक डॉ टीवी अनिल कुमार ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के लिए सुविधा के कई रास्ते खुलते हैं, लेकिन इसमें सावधानी भी बहुत जरूरी है। इससे बच्चों में गैजेट्स की लत बढ़ सकती है।