
जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए AI से लैस कैमरे और स्नापर्स तैनात, भीड़ नियंत्रण पर जोर
क्या है खबर?
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून शुक्रवार से शुरू हो रही है, जिसको लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई है। रथ यात्रा से पहले पूरे पूरी को अभेद किले में तब्दील किया गया है। यहां सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। निगरानी के लिए शहर में अलग-अलग जगहों पर 2575 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) युक्त कैमरे लगाए गए हैं। छतों से निगरानी के लिए स्नापर्स तैनात रहेंगे।
सुरक्षा
जमीन, आसमान और समुद्र से निगरानी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 10,000 सुरक्षा कर्मियों में ओडिशा पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवान शामिल हैं। छतों पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के स्नापर्स रहेंगे, ड्रोन रोधी तकनीक और पुलिस संचालित ड्रोन हवाई निगरानी करेंगे। इसके अलावा तोड़फोड़ रोधी टीम, बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉयड भी तैनात रहेगा। समुद्र तट पर पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा की समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना की तैनाती की गई है।
भीड़
कैसे होगा भीड़ का नियंत्रण?
रथ यात्रा शुरू होने के दिन और दूसरे दिन 15-15 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसमें विदेशी भी शामिल होंगे। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 21 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं और 5 स्थानों पर 'होल्डिंग एरिया' की व्यवस्था होगी, जहां भारी भीड़ के दौरान लोगों को खड़ा किया जा सके। यातायात जानकारी देने के लिए रियल-टाइम चैटबॉट ऐप लॉन्च किया गया है। पुरी में एक कमांड नियंत्रण कक्ष और प्रमख जगह उप-नियंत्रण कक्ष होंगे।
रथ यात्रा
रथ यात्रा का है विशेष महत्व
पुरी की रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की यात्रा जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक निकाली जाती है। यह 12 जून को पूर्णिमा स्नान से शुरू हुई, जिसके बाद देवता 26 जून तक विश्राम पर हैं। 27 जून को यात्रा शुरू होगी, जो गुंडिचा मंदिर पहुंचेगी, यहां 9 दिन रहेगी। इसके बाद उनकी वापसी होती है। यात्रा के लिए नया रथ हर साल लकड़ियों से बनता है, जिसे हजारों लोग रस्सियों से खींचते हैं।
ट्विटर पोस्ट
रथ यात्रा को लेकर संस्कृति मंत्रालय का पोस्ट
रथ यात्रा — जहाँ भगवान और भक्तों के बीच की दूरी मिट जाती है।
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) June 26, 2025
हर वर्ष आने वाली रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भगवान जगन्नाथ की मानवीय लीलाओं का जीवंत उत्सव है। (1/3)#CultureUnitesAll pic.twitter.com/0LE6cWTTIr