नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी बोले- गांधी और भारत की आत्मा मार रहे साध्वी प्रज्ञा जैसे लोग
क्या है खबर?
महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
ताजा मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि प्रज्ञा जैसे लोग गांधी और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बयान पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा था कि वह इसके लिए प्रज्ञा को कभी माफ नहीं करेंगे।
ट्वीट
'गांधी सत्ता और राजनीति से ऊपर'
सत्यार्थी ने ट्वीट करते हुए प्रज्ञा के बयान पर अपनी राय रखी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा,शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं। गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं। भाजपा नेतृत्व छोटे से फायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।"
ट्विटर पोस्ट
सत्यार्थी का मांग- तुरंत इन नेताओं का बाहर निकाले भाजपा
गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा,शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं।गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं।भाजपा नेतृत्व छोटे से फ़ायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) May 18, 2019
डाटा
2014 में मिला था शांति का नोबेल पुरस्कार
बाल अधिकार कार्यकर्ता सत्यार्थी को अनाथ और गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में अभूतपूर्व योगदान के लिए 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। उनके साथ पाकिस्तान की मलाला युसूफजई को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया था।
विवादित बयान
प्रज्ञा ने गोडसे को बताया था देशभक्त
बता दें कि प्रज्ञा ने एक सभा के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को देशभक्त बताया था।
उन्होंने कहा, "नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। उन्हें आतंकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबान में झांकें। इस चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।"
हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने इस बयान के लिए माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि वो गांधी जी की इज्जत करती हैं और उनका बयान गलत था।
डाटा
केंद्रीय मंत्री समेत अन्य नेताओं ने किया था प्रज्ञा का समर्थन
केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने प्रज्ञा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि खुशी है कि 70 साल बाद बदले हुए वैचारिक माहौल में गोडसे पर बहस हो रही है।
बयान की निंदा
मोदी ने कहा था, प्रज्ञा को कभी माफ नहीं कर पाउंगा
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रज्ञा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "ये बयान भयानक खराब बयान है, आलोचना के लायक है। सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना होगा। हर प्रकार से घृणा के लायक है, जितनी निंदा की जाए उतना कम है।"
उन्होंने कहा था, "चाहे उन्होंने माफी मांग ली हो, लेकिन मैं मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।"
कार्रवाई
अमित शाह ने कहा था, होगी कार्रवाई
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन बयानों पर अपने आम स्वभाव के विपरीत ट्वीट करते हुए नेताओं पर कार्रवाई की बात कही थी।
शाह ने तीनों नेताओं का नाम लेते हुए कहा था कि उनके बयानों का पार्टी से कोई संबंध नहीं है और वह उनके निजी बयान हैं।
उन्होंने कहा था कि अनुशात्मक समिति की रिपोर्ट के बाद इन नेताओं पर कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
भाजपा ने अन्य बयानों के जरिए भी पूरे विवाद की सख्त आलोचना की थी।