लखीमपुर खीरी में किसानों के रौंदने के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को मिली जेल से रिहाई
क्या है खबर?
लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से रौंदने के मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गत दिनों जमानत मिलने के बाद मंगलवार को जेल से भी रिहाई मिल गई है।
वह जेल के पिछले दरवाजे से कार में सवार होकर सीधे घर के लिए रवाना हो गए।
बता दें आशीष की जमानत को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं सहित किसान नेता भी उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
जमानत
10 फरवरी को मिली थी आशीष को जमानत
बता दें उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन यानी 10 फरवरी को इलाहबाद हाई कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए आशीष को तीन लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।
उस दौरान कोर्ट ने कहा था FIR में आशीष को फायरिंग करने वाला बताया गया, लेकिन किसी को भी गोली नहीं लगी। इसी तरह प्रदर्शनकारियों को कुचलने वाले वाहन चालक को अन्य प्रदर्शनकारियों द्वारा मारने पर भी सवाल खड़ा किया था।
सवाल
हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन पर भी उठाए थे सवाल
हाई कोर्ट ने घटना के दौरान जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी हजारों की भीड़ जुटने पर जिला प्रशासन पर सवाल उठाए था।
कोर्ट ने कहा कि हजारों लोग जमा हुए तो इस आशंका से भी इनकार नहीं कर सकते कि चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन तेज गति से चलाया और घटना हो गई।
कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट के पहले ही दाखिल होने के कारण आवेदक जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
हमला
आशीष की जमानत को लेकर विपक्ष ने बोला था हमला
आशीष की जमानत को लेकर राजनीतिक दलों ने भी उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की जांच पर सवाल उठाया था।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि हत्यारोपी को जमानत मिलना सरकार और पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करने वाला है।
समाजवादी पार्टी नेता तजिंदर सिंह विर्क ने कहा था कि इतनी बड़ी साजिश के आरोपी को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है और दूसरी ओर निर्दोष किसान अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं।
याचिका
जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा SKM- टिकैत
आशीष के जेल से बाहर आने के बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने NDTV से कहा, "आशीष को जमानत पर रिहा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) जल्द ही इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं।"
इस दौरान किसानों ने दावा किया कि पुलिस पर मामले को कमजोर करने का दबाव डाला गया और इसके कारण आशीष को जमानत मिल गई।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
जानकारी
SIT ने आशीष को बताया था मुख्य आरोपी
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था।
चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है।
इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।