दो समुद्री तूफानों से रास्ता भटका, एक महीने बहकर अंडमान से ओडिशा पहुंचा शख्स
अंडमान-निकोबार का रहने वाला एक शख्स 28 दिन बाद समुद्र में बहकर ओडिशा पहुंचा है। इस दौरान दो तूफानों के उसका वास्ता पड़ा। वह शुक्रवार को पुरी जिले के तट पर पहुंचा। अंडमान-निकोबार के शहीद द्वीप के रहने वाले अमृत कुजुर समुद्र से गुजरने वाली जहाजों को राशन और पानी बेचकर अपना गुजारा करते हैं। पिछले महीने आए तूफान के चलते कुजुर अपना रास्ता भटक गए। तब से समुद्र में भटक रहे कुजुर शुक्रवार को तट पर पहुंचे हैं।
जहाजों का सामान सप्लाई करते हैं कुजुर
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कुजुर और उनके दोस्त दिव्यरंजन 28 सितंबर को हिंद महासागर में जाने के लिए निकले थे। उनके पास जहाजों को बेचने के लिए कुछ सामान भी था। इसी दौरान एक तूफान आया और उनकी नाव टूट गई। कुजुर ने बताया, "हमारी नाव बुरी तरह से टूट गई थी। हमें इसे हल्का करने के लिए अपना सारा सामान समुद्र में फेंकना पड़ा।" तूफान की वजह से वो अपना रास्ता भी भटक गए।
वापस लौटने के रास्ते में फिर आया तूफान
कुजुर ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कई बड़ी जहाजों को मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी की नजर उन पर नहीं पड़ी। कुछ दिन बाद बर्मा नौसेना की एक जहाज उनके लिए मदद लेकर पहुंची। बर्मा नौसेना ने कुजुर को वापस अंडमान-निकोबार जाने के लिए 260 लीटर ईंधन और कंपास दिया। कुजुर ने बताया कि जब वो वापस लौट रहे थे, तभी एक तूफान आया और वो फिर रास्ता भटक गए।
जिंदा नहीं बच सके कुजुर के दोस्त
कुजुर ने कहा कि ईंधन खत्म होने के बाद वो दोनों फिर से समुद्र में फंस गए। उन्होंने कहा, "मैंने सारी उम्मीदें खो दी थीं। मैं तौलिये से समुद्र का पानी छानकर पीता था।" हालांकि, कुजुर के दोस्त इतने सौभाग्यशाली नहीं थे कि वो वापस लौट सके।ट कुजुर ने बताया कि समुद्र का पानी पीने और भूख के कारण दिव्यरंजन ने दम तोड़ दिया। नाव को हल्का रखने के लिए कुजुर ने दिव्यरंजन की लाश को समुद्र में बहा दिया।