दिल्ली: ओखला में कपड़ा फैक्ट्री में भीषण आग, 20 झुग्गियां जलकर खाक
दिल्ली के ओखला में स्थित एक फैक्ट्री में आज सुबह भीषण आग लग गई और इस आग में 20 से अधिक झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। अभी तक मामले में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। आग लगने की जानकारी मिलने पर फायर ब्रिगेड की लगभग 27 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। आग किन कारणों से लगी, शुरूआत जांच में इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
सुबह 2:23 बजे फायर ब्रिगेड को मिली आग की सूचना
घटना ओखला फेज-2 स्थित संजय कॉलोनी की है। दिल्ली फायर ब्रिगेड के अनुसार, उन्हें सुबह लगभग 2:23 बजे यहां की एक कपड़ा फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद शुरूआत में आग बुझाने वाली सात गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। हालांकि आग जल्द ही आग फैक्ट्री के पास झुग्गियों में फैल गई और इसमें 20-22 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, मौके पर मौजूद एक ट्रक में भी आग लग गई।
बस्तियों में फंस गए थे 30-40 लोग, सुरक्षित निकाला गया
खबरों के अनुसार, जिस समय आग लगी उस समय ज्यादातर लोग अपने घरों पर सो रहे थे और शोरगुल मचने पर वे बाहर आए। आगजनी के कारण 30-40 लोग बस्तियों के अंदर ही फंस गए थे और बचावकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला। अधिकारियों के अनुसार, 186 झुग्गियों और गोदामों को आग से सुरक्षित किया गया है। एक बुजुर्ग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश जारी है।
आगजनी में लाखों रुपये की संपत्ति तबाह- अधिकारी
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार, आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है और इसमें विभाग की 27 गाड़ियां लगीं। उन्होंने आगजनी में लाखों रुपये की संपत्ति तबाह होने की बात भी कही है। आग कैसे लगी, इसके बारे में शुरूआत जांच में कुछ पता नहीं चला है और फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने कहा है कि दिल्ली पुलिस जांच करके इसके बारे में विस्तृत सूचना देगी।
पिछले साल भी दिल्ली की झुग्गी बस्ती में लगी थी भीषण आग
बता दें कि पिछले साल मई में भी दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती में भीषण आग लगी थी। तुगलकाबाद की इस घटना में लगभग 1,500 झुग्गियां जलकर खाक हो गई थीं। राहत की बात ये रही कि इस आगजनी में कोई हताहत नहीं हुआ।
अनाज मंडी के अग्निकांड में मरे थे 43 मजदूर
इससे पहले 8 दिसंबर, 2019 को दिल्ली में हालिया इतिहास की सबसे भीषण आगजनी की घटना हुई थी। यहां अनाज मंडी स्थित एक इमारत में आग लग गई थी और घटना के समय ज्यादातर लोग गहरी नींद में सो रहे थे। घटना में 43 लोग मारे गए थे जिनमें से कम से कम पांच नाबालिग थे। मरने वाले सभी मजदूर थे। इमारत से बाहर निकलने का केवल एक पतला सा रास्ता था, इसलिए कई मजदूर बाहर निकलने में नाकाम रहे।