मध्य प्रदेश: हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग रैकेट का भंडाफोड, नेता और अधिकारी होते थे निशाने पर
मध्य प्रदेश पुलिस ने हाई-प्रोफाइल हनी-ट्रैपिंग और ब्लैकमेलिंग रैकेट का खुलासा किया है। इस गिरोह का मुख्य निशाना राजनेता, बड़े अधिकारी और बड़े व्यापारी होते थे। गिरोह से जुड़ी पांच महिलाओं और एक शख्स को पुलिस ने इंदौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस गिरोह के काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि ये घटना को अंजाम देेते ही अपना ठिकाना बदल लेेते थे। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
मध्य प्रदेश पुलिस ने आरती दयाल (29), मोनिका (18), श्वेता विजय जैन (39), श्वेता स्वपनिल जैन (48), बरखा सोनी (34) और ओमप्रकाश कोरी (45) को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से स्पाई कैमरे, मोबाइल फोन और एक लग्जरी कार बरामद की गई है।
मामले सामने कैसे आया?
इंदौर की SSP रूचि वर्धन मिश्रा ने बताया कि इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर ने शिकायत दी थी कि उन्हें एक महिला ब्लैकमेल कर रही है। SSP ने बताया कि श्वेता स्वपनिल ने आठ महीने पहले इंजीनियर की मुलाकात आरती दयाल से करवाई थी। इसके बाद दोनों दोस्त बन गए। कुछ दिनों बाद आरोपी ने इंजीनियर का एक वीडियो शूट कर लिया। आरती ने इंजीनियर का वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देते हुए तीन करोड़ रुपये मांगे।
आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने बिछाया जाल
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आरोपियों को कहा गया कि वो पहली किस्त के तौर पर 50 लाख रुपये देंगे। इसके बाद आरती और श्वेता अपने ड्राइवर के साथ लग्जरी गाड़ी में पैसे लेने पहुंच गईं। पुलिस वहां पर पहले से तैयार थी। जैसे ही आरोपी महिलाएं वहां पहुंची, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के आधार पर बाकी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया।
पॉश कॉलोनियों में रहकर चलाते थे रैकेट
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी महिलाएं महंगी कॉलोनियों में रहती थी। उन्होंने बताया कि भोपाल में राजनेताओं और बड़े अधिकारियों से मिलना आसान होता है इसलिए उन्होंने भोपाल को चुना। एक आरोपी महिला ने 20 दिन पहले भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का घर किराए पर लिया था। मामला सामने आने के बाद विधायक ने कहा कि उन्होंने किसी ब्रोकर के जरिए अपना घर किराए पर दिया था।