जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक और नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत हिरासत बढ़ी
असम की जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक और पंजाब के नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह समेत 9 की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत बढ़ी दी गई है। 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह और तीन सहयोगियों की नजरबंदी 24 जुलाई को समाप्त होनी थी, साथ ही 6 अन्य सहयोगियों की नजरबंदी 18 जून को समाप्त होनी थी। अब इन्हें अगले एक साल तक और जेल में रहना होगा। सभी डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद हैं।
मार्च से जेल में बंद है अमृतपाल
खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक अमृतपाल ने 2022 में वारिस पंजाब दे का गठन किया था। अमृतपाल मार्च से जेल में बंद है। खुफिया एजेंसियां आशंका जता चुकी हैं कि अमृतपाल के पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से संबंध है। खुफिया एजेंसियों ने अमृतपाल के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी को लेकर भी कहा था कि उसके पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बेटे साद बाजवा के साथ संबंध हैं।
अमृतपाल ने जीता है लोकसभा चुनाव
अमृतपाल सिंह ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। यहां से खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख से अधिक वोटों से हराया था। अमृतपाल को 4 लाख से अधिक वोट और जीरा को 2 लाख से अधिक वोट मिले। तीसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रहे थे।