केरल में फिर बढ़ रहे मामले, लॉक-अनलॉक की नीति पर पुनर्विचार की सलाह
क्या है खबर?
जहां एक तरफ पूरे देश में कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं केरल में अभी भी बड़ी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं और बीते दो दिन में तो मामले बढ़ भी गए हैं।
ये स्थिति तब है जब राज्य में वैक्सीनेशन भी अच्छी-खासी मात्रा में हो गया है।
इस स्थिति ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है और उन्होंने सरकार से लॉक-अनलॉक की नीति पर पुनर्विचार करने को कहा है।
स्थिति
केरल में एक महीने से आ रहे 11,000-13,000 के बीच मामले
केरल में लगभग एक महीने से रोजाना 11,000 से 13,000 के बीच मामले सामने आ रहे हैं और पिछले दो दिनों में यह संख्या 13,000 को भी पार कर गई।
इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर दैनिक मामलों की संख्या 80,000 से आधी होकर 40,000 रह गई है, लेकिन केरल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
15 जुलाई से पूरे देश में केरल में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं और पिछले दो दिन दो-तिहाई राष्ट्रीय मामले केरल में आए।
चिंता की बात
वैक्सीनेशन का नए मामलों पर असर नहीं
सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि केरल में वैक्सीनेशन का दैनिक मामलों पर कोई असर पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। राज्य की लगभग 45 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि 10 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
अभी केरल की स्थिति बिल्कुल जनवरी जैसी है। तब भी पूरे देश में मामले घट रहे थे, लेकिन केरल में अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे थे।
सलाह
विशेषज्ञों ने दी लॉकडाउन की नीति की समीक्षा की सलाह
इस स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए विशेषज्ञों ने राज्य सरकार से लॉकडाउन और अनलॉक की नीति पर पुनर्विचार करने को कहा है।
राज्य सरकार की कोविड सलाहकार समिति के सदस्य डॉ अनूप कुमार ने कहा, "शनिवार और रविवार के लॉकडाउन और समय की पाबंदियों का उल्टा असर हो रहा है और इससे भीड़ हो रही है। हमें लॉकडाउन के पूरे मुद्दे और रियायतों को अधिक वैज्ञानिक तरीके से देखने की जरूरत है।"
भीड़भाड़
सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बाजारों में 50 प्रतिशत भीड़
महामारी विशेषज्ञ डॉ पदमनभा शेनॉय ने हाल ही में केरल के गूगल मोबिलिटी डाटा का विश्लेषण करने के बाद पता लगाया कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बाजार जाने वाले लोगों की संख्या 50 प्रतिशत अधिक रही।
उन्होंने कहा, "हमें समझना होगा कि यह लंबी लड़ाई है और हम लगातार लॉकडाउन में नहीं रह सकते। हमें भीड़भाड़ को रोक कर वायरस के साथ रहना सीखना होगा। इसके अलावा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइन भी सुनिश्चित करना होगा।"
सलाह
बार और धार्मिक स्थलों को खोलने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ एसएस लाल ने बार और धार्मिक स्थल खोलने के फैसले पर कहा, "हमें बार, धार्मिक स्थलों को खोलने और सामाजिक कार्यक्रमों की इजाजत देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। इन जगहों पर भीड़ इकट्ठा होने से रोकना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अहम है।"
विशेषज्ञों ने वैक्सीन लगवा चुके लोगों के नियमों का पालन न करने पर भी चिंता व्यक्त की।