गृह मंत्री अमित शाह का हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए करगिल वॉर हीरो ने किया फर्जीवाड़ा
करगिल युद्ध में अपने शौर्यता के लिए मेडल पाने वाले वायुसेना के पूर्व पायलट पर अमित शाह का विमान उड़ाने के लिए फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर एक कंपनी को खुद की ही सिफारिश की और उन्हें एक फ्लाइट उड़ाने की अनुमति भी मिल गई। लेकिन उड़ान से पहले एक कॉल से पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया। क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।
जून-जुलाई में L&T को प्राप्त हुए BSF एयर विंग से मेल
जून-जुलाई में इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की कंपनी लॉरसेन एंड टर्बो (L&T) को BSF एयर विंग की ओर से कई मेल प्राप्त हुए, जिनमें L&T के विमान उड़ाने के लिए उसके पायलट विंग कमांडर (रिटायर्ड) जेएस सांगवान के नाम की सिफारिश की गई। इन मेल में कहा गया कि सांगवान एक प्रशिक्षित एम्ब्राएर पायलट हैं और उन्हें 4,000 घंटों से अधिक उड़ान का अनुभव है। इसके आधार पर L&T ने उन्हें चेन्नई-दिल्ली-मुंबई की एक फ्लाइट उड़ाने की अनुमति दी।
BSF ने कहा, हमने कोई सिफारिश नहीं की
सांगवान के चेन्नई रवाना होने से पहले पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया। दरअसल, L&T ने कुछ स्पष्टीकरण के लिए BSF एयर विंग के दफ्तर फोन किया तो BSF ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। BSF ने ये भी कहा कि सांगवान मुख्य पायलट (PIC) तो क्या सह-पायलट भी नहीं है। मेल की जांच करने पर सामने आया कि सांगवान ने खुद ही ये मेल भेजे थे और वेरिफिकेशन के लिए अपना नंबर दिया था।
अमित शाह का विमान उड़ाना चाहते थे सांगवान
BSF की शुरूआती जांच में सामने आया कि सांगवान गृह मंत्री अमित शाह का विमान उड़ाना चाहते थे और इसके लिए जरूरी उड़ान के घंटों की पूर्ति के लिए उन्होंने ये सब किया। दरअसल, किसी भी VIP का विमान उड़ाने के लिए पायलट के पास 500 घंटे उड़ान का अनुभव होना चाहिए। लेकिन गृह मंत्री का विमान उड़ाने के लिए उसके बाद इससे दोगुना यानि 1,000 घंटे उड़ान का अनुभव होना चाहिए।
BSF के जिम्मे है अमित शाह की उड़ानें
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह का हेलीकॉप्टर उड़ाने का जिम्मा BSF का है और वह उसके एम्ब्राएर हेलीकॉप्टर में उड़ान भरते हैं। BSF के पास अपने पायलट नहीं है, इसलिए सेवा में या रिटायर हो चुके वायुसेना पायलट उससे जुड़ते रहते हैं। करगिल युद्ध के दौरान मिग 21 उड़ाने वाले सांगवान भी ऐसे ही BSF में पायलट बने थे। करगिल युद्ध में साहस दिखाने के लिए उन्हें मेडल भी मिल चुका है।
पायलटों को व्यवसायिक फ्लाइट उड़ाने का मौका देती है BSF
हालांकि, BSF में शामिल हुए वायुसेना के पायलटों को पहले फ्रांस में एम्ब्राएर उड़ाने की ट्रेनिंग लेनी होती है और फिर वायुसेना की एक परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद उन्हें निश्चित घंटों का उड़ान का अनुभव भी हासिल करना होता है। आखिरी शर्त को BSF अपने स्तर पर पूरा करने में असमर्थ है, इसलिए वो पायलटों को व्यवसायिक एम्ब्राएर उड़ाने की अनुमति देती है। सांगवान PIC नहीं थे, इसलिए उन्हें ये अनुमति नहीं थी।
शर्त पूरी करने के लिए सांगवान ने किए फर्जी मेल
सांगवान तो हर हाल में गृह मंत्री का विमान उड़ाना चाहते थे और इसके लिए उन्हें उड़ान के घंटों की मांग को पूरा करना जरूरी था। इस कारण उन्होंने L&T को फर्जी मेल भेजकर उड़ान की अनुमति हासिल की।
सांगवान की सफाई, देश सेवा में किया ऐसा
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में अपना पक्ष रखते हुए सांगवान ने सिफारिशी मेल खुद करने की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि पूरा मामला गलतफहमी का है। उन्होंने कहा कि ये सब उन्होंने अच्छी भावना से किया था। सांगवान ने कहा कि वह देश सेवा में ऐसा कर रहे थे और अगर वह चाहते तो व्यवसायिक पायलट बनकर पांच गुना सैलरी पा सकते थे, लेकिन BSF के भले के लिए उन्होंने ऐसा किया।
सांगवान के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज
मामले में सांगवान के खिलाफ उनके वरिष्ठ अधिकारी विंग कमांडर प्रवीन अग्रवाल ने गलत मकसद से उनकी पहचान इस्तेमाल करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली के घरेलू हवाई अड्डे पुलिस स्टेशन में ये शिकायत दर्ज कराई गई है