JNU को अपने 82 छात्रों की नागरिकता के बारे में कोई जानकारी ही नहीं
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पास उसके यहां पढ़ रहे 82 विदेशी छात्रों की नागरिकता की जानकारी नहीं है। इस समय यूनिवर्सिटी में कुल 301 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं जिनमें से 82 किस देश के हैं, इसके बारे में JNU प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है। राजस्थान के कोटा के एक्टिविस्ट सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत ये जानकारी मांगी थी। उनकी RTI के जवाब में 1 सितंबर, 2019 तक की जानकारी दी गई है।
41 अलग-अलग कोर्सेज में पढ़ रहे हैं ये विदेशी छात्र
स्वामी की RTI का जवाब में बताया गया है कि JNU में कुल 301 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं जिनमें से 82 की नागरिकता के बारे में यूनिवर्सिटी को कोई जानकारी नहीं है। ये छात्र ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, MPhil और PhD के 41 अलग-अलग कोर्सेज में पढ़ रहे हैं। जवाब के अनुसार, JNU में कोरिया के 35, नेपाल के 25, चीन के 24, अफगानिस्तान के 21, जापान के 16 और जर्मनी के 13 छात्र पढ़ रहे हैं।
JNU में अमेरिका के भी 10 छात्र
इसके अलावा अमेरिका के 10 छात्र भी JNU में पढ़ रहे हैं। सीरिया के सात छात्र भी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी सात छात्रों ने JNU में दाखिला लिया है।
MPhil और PhD कर रहे अधिकांश छात्र
इसके अलावा एक अन्य RTI में JNU में पढ़ रहे कुल छात्रों की संख्या के बारे में भी पूछा गया था। इसके जवाब में JNU प्रशासन ने बताया है कि यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन कोर्सेज में कुल 1,264 छात्र पढ़ रहे हैं, वहीं 2,877 छात्रों ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में दाखिला लिया हुआ है। इसके अलावा 4,251 छात्र यूनिवर्सिटी से MPhil और PhD कर रहे हैं। ये यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे कुल छात्रों का 48 प्रतिशत है।
देश की दूसरी सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी है JNU
बता दें कि JNU देश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटीज में शुमार की जाती है और पिछले दो साल से देश में दूसरी सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी बनी हुई है। JNU से आगे केवल बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) है। मोदी सरकार के दो शीर्ष मंत्री, एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण, JNU से ही पढ़े हैं। हालांकि, JNU कैंपस में लगातार होने वाले प्रदर्शनों और अपनी छात्र राजनीति को लेकर विवादों में भी रहती है।