हरियाणा के बाद अब झारखंड सरकार स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करेगी 75 प्रतिशत प्राइवेट नौकरियां
हरियाणा के बाद अब झारखंड भी प्राइवेट सेक्टर की 75 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार को इससे संबंधित नई रोजगार नीति को मंजूरी दी। जल्द ही इससे संबंधित विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के अनुसार, अभी इस विधेयक से संबंधित कुछ प्रावधानों पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
30,000 रुपये तक मासिक वेतन वाली नौकरियों पर लागू होगा आरक्षण
मुख्यमंत्री कार्यालय के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, 30,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाली प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इससे अधिक वेतन वाली नौकरियों में यह आरक्षण लागू नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सोरेन ने अधिकारियों से ऐसे नियम बनाने को कहा है जिससे उद्योगों को कोई परेशानी न हो। सोरेन इससे पहले भी कह चुके हैं कि सरकार प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण लाने पर विचार कर रही है।
17 मार्च को विधानसभा में किया जाएगा नई नीति का ऐलान
सूत्र ने कहा, "मुख्यमंत्री अगले हफ्ते शायद 17 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान नई नीति का ऐलान करेंगे। कुछ प्रावधानों पर अभी भी फैसला लिया जाना बाकी है। इनका विधानसभा में ऐलान किया जाएगा।" बता दें कि प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण का यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब कुछ दिन पहले ही सोरेन मामले से संबंधित हितधारकों से मिले थे। इसके अलावा उन्होंने FICCI के साथ एक समझौता भी किया था।
आरक्षण को लागू करने में एक बड़ा रोड़ा
प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने में सोरेन सरकार के सामने एक बड़ी दिक्कत भी आ सकती है और यह है इसके लाभार्थी कौन होंगे। दरअसल, राज्य के मूल निवासियों 'झारखंडी' की परिभाषा काफी विवादित है और इसे लेकर एक मुख्यमंत्री को इस्तीफा भी हो चुका है। अभी लोग छह तरीकों से खुद को राज्य का निवासी साबित कर सकते हैं और सोरेन सरकार के लिए इस परिभाषा को स्पष्ट करना चुनौतीपूर्ण होगा।
महामारी के दौरान लगभग 60 प्रतिशत हो गई थी झारखंड की बेरोजगारी दर
बता दें कि झारखंड में अभी 10.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर है और पिछले कुछ समय में इसमें गिरावट आई है। कोरोना वायरस महामारी के कारण मई, 2020 में राज्य की बेरोजगारी दर 59.2 प्रतिशत पहुंच गई थी।
हरियाणा में लागू हो चुका है स्थानीय युवाओं को आरक्षण वाला विधेयक
गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा ने प्राइवेट सेक्टर की 75 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय युवाओं को आरक्षित किया था। इससे संबंधित कानून को राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है और ये लागू हो चुका है। 50,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाली नौकरियों पर ये आरक्षण लागू होगा। इस कानून को लेकर विवाद भी हुआ है और विशेषज्ञों को डर है कि यह अन्य राज्यों में एक बुरा चलन शुरू कर सकता है।