LIC क्लर्क से धर्मगुरु बने 'कल्कि भगवान' के ठिकानों पर छापेमारी, 93 करोड़ की संपत्ति जब्त
क्या है खबर?
कथित धर्मगुरु 'कल्कि भगवान' के आश्रम सहित अलग-अलग शहरों में मौजूद ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 500 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है।
आयकर विभाग की टीम ने पिछले तीन दिनों में चेन्नई, बेंगलुरु, चित्तूर समेत लगभग 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस दौरान विभाग ने 43.9 करोड़ रुपये कैश, 25 लाख डॉलर और 1,271 कैरेट (कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये) के हीरे बरामद किए।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जांच
टैक्स हैवन देशों में निवेश करता है समूह- विभाग
आयकर विभाग ने बताया कि जांच में पता चला है कि यह समूह टैक्स हैवन माने जाने वाले देशों में निवेश करता था।
विभाग ने बताया कि चीन, अमेरिका और सिंगापुर में भी इस समूह की कंपनियां हैं। इन्हें भारत में होने वाले वेलनेस कोर्स के लिए विदेशों से पैसे मिलते हैं।
विभाग समूह द्वारा टैक्स योग्य आय को डायवर्ट करने की जांच कर रहा है। समूह ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी जमीनें खरीदी हैं।
जांच
रियल एस्टेट और खेल के क्षेत्र में किया है निवेश
यह समूह देश और विदेशों मे रियल एस्टेट, निर्माणकार्य और खेल से जुड़े क्षेत्रों में निवेश करता है।
आयकर विभाग ने बताया कि उसे जानकारी मिली थी कि समूह विदेशों में निवेश के साथ-साथ आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में जमीन खरीदने की जानकारी छिपा रहा है।
छापेमारी में पता चला कि समूह के कर्मचारी नकद पैसे का कोई रिकॉर्ड नहीं रखते थे। इसे गैरकानूनी तरीके से निवेश करने या किसी संपत्ति को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
जानकारी
409 करोड़ की अघोषित आय का पता चला
छापेमारी में सामने आया कि समूह ने अलग-अलग स्थानों पर संपत्ति बेचकर पैसा कमाया है, जिसका कोई हिसाब नहीं रखा गया है। अनुमान है 2014-15 से लेकर अब तक कमाई गई यह रकम 409 करोड़ रुपये है।
छापेमारी
छापेमारी में आयकर विभाग को मिला ये
आयकर विभाग ने कहा छापेमारी के दौरान 43.9 करोड़ रुपये की नकदी, 18 करोड़ की कीमत वाली अमेरिकी मुद्रा, दूसरी विदेशी मुद्राएं, लगभग 26 करोड़ की कीमत वाले 88 किलो सोने के आभूषण, पांच करोड़ की कीमत वाला हीरा जब्त किया गया है।
जब्त की गई संपत्ति की कुल कीमत 93 करोड़ रुपये है। वहीं 409 करोड़ रुपये की अघोषित आय मिला दी जाए तो यह लगभग 500 करोड़ रुपये होती है।
कथित धर्मगुरु
कौन है खुद को 'कल्कि भगवान' बताने वाला कथित धर्मगुरु?
आश्रम का संचालन करने वाले शख्स का नाम विजय कुमार है। पहले LIC में क्लर्क का काम करने वाले कुमार खुद को भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताते हैं।
उन्होंने 1980 में जीवाश्रम नामक संस्था बनाई। कुछ समय बाद उन्होंने वननेस यूनिवर्सिटी भी खोली।
यह दर्शनशास्त्र और अध्यात्म में कोर्स प्रदान करती है। इस यूनिवर्सिटी में विदेशों से लोग आकर पढ़ते हैं, जिससे समूह को विदेशी मुद्रा मिलती है।
उनके साथ उनकी पत्नी और बेटा संचालन का काम देखते हैं।