कोविड टेस्ट पर भारतीयों ने खर्च किए 74,000 करोड़ रुपये, घपला हो रहा- NGO
कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों ने कभी डर, कभी मजबूरी तो कभी नियमों के कारण जमकर कोविड टेस्ट कराए और इसके कारण उनकी जेब पर भी अच्छा-खासा बोझ पड़ा। एक गैर-सरकारी संस्था (NGO) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब तक हुए 74 करोड़ टेस्ट पर 74,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आ चुका है, जिसमें से अधिकांश प्राइवेट लैब्स के हिस्से में आए। रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर टेस्ट बिना लोगों की मर्जी के किए गए।
कुल 3,255 लैब में किए गए कोविड टेस्ट
नागपुर की NGO ग्राहक भारती के अनुसार, महामारी के दौरान भारतीयों ने RT-PCR, रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT), ट्रूनेट (TrueNAT) और CBNAAT समेत कई तरह के टेस्ट कराए। ये टेस्ट कुल 3,255 लैब में हुए जिनमें 1,844 और 1,411 सरकारी लैब शामिल रहीं। कुल 3,255 लैब में से केवल 2,141 लैब (764 सरकारी और 1,377 प्राइवेट) में RT-PCR टेस्ट किए गए जो सबसे सटीक और कई जगह अनिवार्य हैं।
महामारी से अब तक एक टेस्ट पर आया औसत 1,000 रुपये का खर्च- NGO
NGO के अनुसार, महामारी की शुरूआत में एक कोविड टेस्ट 3,500 रुपये और इससे अधिक में हो रहा था, लेकिन धीरे-धीरे ये आंकड़ा लगभग 600 रुपये पर आ गया। इसके अलावा लगभग 250 रुपये में होम टेस्ट किट भी उपलब्ध रहीं। ग्राहक भारती के संस्थापक विनोद तिवारी ने कहा, "1,000 रुपये प्रति टेस्ट का औसत लेते हुए भारतीयों को कोविड टेस्ट के लिए 74,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े और इस लूट का अधिकांश हिस्सा प्राइवेट लैब्स को गया।"
ज्यादातर टेस्ट जबरदस्ती किए गए- तिवारी
तिवारी ने कहा कि अब तक हुए टेस्ट्स में से अधिकांश टेस्ट जबरदस्ती किए गए, जबकि लोगों में न तो कोई शुरूआती लक्षण थे। कम पॉजिटिविटी रेट होने के बावजूद भी लोगों के अनावश्यक टेस्ट किए गए।
प्रधानमंत्री से जांच की मांग कर चुकी है ग्राहक भारती
ग्राहक भारती ने कोविड टेस्ट के नाम पर हो रही लूट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य संस्थाओं को ज्ञापन सौंपा है और मामले में जांच की मांग की है। तिवारी ने कहा कि ये घोटाला सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्राइवेट लैब्स की मिलीभगत से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं तो वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
तिवारी ने समझाया, कैसे टेस्टिंग में हो रहा घोटाला
घोटाले को समझाते हुए तिवारी ने कहा कि सैकड़ो प्राइवेट लैब्स आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त उन्नत लैब्स की फ्रेंचाइजी हैं और ये रोजाना हजारों टेस्ट करती हैं, जबकि इनके पास क्वालिटी कंट्रोल, इंफ्रास्ट्रक्चर या प्रशिक्षित कर्मचारी, कुछ भी नहीं हैं। NGO ने कहा कि इन लैब्स में सैंपल कलेक्शन, हैंडलिंग और उचित टेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है और इसके कारण अक्सर गलत नतीजे आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस सगंठित घोटाले पर कार्रवाई करनी होगी।
देश में क्या है महामारी की स्थिति?
देश अभी ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर का सामना कर रहा है। देश में अब तक कुल 4,21,88,138 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 5,01,979 लोगों की मौत हुई है। बीते दिन देश में संक्रमण के 1,07,474 नए मामले सामने आए और 865 मरीजों की मौत हुई। इनमें पुरानी मौतें भी शामिल हैं। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 12,25,011 हो गई है। देश में लगातार 12 दिन से सक्रिय मामले घट रहे हैं।