पुलवामा हमले के बाद नौसेना ने तैनात किया था भारी-भरकम बेड़ा, डर गया था पाकिस्तान
भारतीय नौसेना ने एक दुर्लभ घोषणा में बताया कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी मोर्चे पर परमाणु पनडुब्बियों और विमान वाहक समेत कई अंग्रिम पंक्ति के हथियार तैनात कर दिए थे। भारतीय नौसेना ने 2001 संसद हमले के बाद हुए 'ऑपरेशन पराक्रम' के बाद पहली बार उत्तर अरब सागर में इस स्तर पर मोर्चेबंदी की थी। भारत की इस प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तानी नेवी डर गई और उसने खुले समुद्र में आने की कोशिश नहीं की।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में बने थे युद्ध जैसे हालात
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने CRPF के काफिले पर विस्फोटकों से भरी कार से हमला किया था। हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। भारत ने हमले का बदला लेते हुए 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आंतकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी।
नौसेना को अधूरा छोड़ना पड़ा युद्धाभ्यास
इस दौरान दोनों देशों में युद्ध जैसे हालात बन गए थे और भारतीय नौसेना ने एक बड़ा अभ्यास अधूरा छोड़कर अपने अग्रिम पंक्ति के हथियारों को पाकिस्तान के साथ लगे उत्तर अरब सागर में तैनात कर दिया था। नौसेना उस समय TROPEX 19 नामक अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही थी। इसमें 60 जहाजों, भारतीय तटरक्षक के 12 जहाजों और 60 हवाई जहाजों ने भाग लिया था। यह अभ्यास 7 जनवरी से 10 मार्च तक चलना था।
डर की वजह से मकरान तट से आगे नहीं बढ़ी पाकिस्तानी नौसेना
रविवार को अपनी घोषणा में नौसेना ने बताया कि विमान वाहक INS विक्रमादित्य और परमाणु पनडुब्बी INS चक्र समेत कई अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों और समुद्री विमानों को इलाके में तैनात किया गया था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान इतना भयभीत हुआ कि उसकी नौसेना ने कोई हरकत न करना ही बेहतर समझा। नौसेना ने अपने इस सख्त बयान में कहा है कि उसकी ताकत ने पाकिस्तानी नौसेना को मकरान तट पर ही रहने को मजबूर कर दिया।