भारत अब निर्यात करेगा मेड-इन-इंडिया वेंटीलेटर्स, चार महीने पहले लगाई रोक हटाई
कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर्स होने के बाद अब भारत मेड-इन-इंडिया वेंटीलेटर्स का निर्यात करेगा। उच्च स्तरीय मंत्री समूह (GoM) ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वेंटीलेटर्स निर्यात करने की ये मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है जब भारत में कोरोना वायरस की मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है और पहले के मुकाबले कम वेंटीलेटर्स की जरूरत पड़ रही है।
मार्च में लगाई गई थी वेंटीलेटर्स के निर्यात पर रोक
भारत में कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत के समय 24 मार्च, 2020 को केंद्र सरकार ने सभी तरह के वेंटीलेटर्स के निर्यात पर रोक लगा दी थी। तब देश में बड़े पैमाने पर वेंटीलेटर्स का निर्माण नहीं होता था और देश की जरूरतों को देखते हुए वेंटीलेटर्स का पर्याप्त भंडार बनाए रखने की जरूरत थी। पिछले चार महीने में देश में वेंटीलेटर्स के उत्पादन में वृद्धि हुई और अभी 20 से अधिक कंपनियां इनका निर्माण कर रही हैं।
बड़ी कंपनियों ने बढ़ाया उत्पादन
वेंटीलेटर्स की बड़ी उत्पादक कंपनियों ने भी पिछले चार महीने में अपना उत्पादन बढ़ाया है। महामारी से पहले वह हर महीने 50-100 वेंटीलेटर्स बना रहे थे, जबकि अब वह हर महीने 5,000 से 10,000 वेंटीलेटर्स बना रही हैं।
भारत के पास अब वेंटीलेटर्स का निर्यात करने की क्षमता
वेंटीलेटर्स के निर्माण में आई इसी तेजी का नतीजे है कि भारत के पास अब घरेलू जरूरतों को पूरी करने के साथ-साथ वेंटीलेटर्स निर्यात करने की भी क्षमता है और इसी कारण केंद्र सरकार ने उनके निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि विदेशी व्यापार महानिदेशक (DGFT) को मामले में जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
"भारत में मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी की ज्यादा जरूरत"
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से बात करते हुए कहा, "छह महीने कुछ के मुकाबले अब हमारे पास कम से कम दो दर्जन वेंटीलेटर्स बनाने वाली कंपनियां हैं। आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में कोविड मरीजों को ज्यादातर ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत है, वेंटीलेटर्स की नहीं। हमारी मृत्यु दर भी कम है और मांग और आपूर्ति के मामले में हम अच्छी स्थिति में हैं। इससे निर्यात का दरवाजा खुलता है और इसलिए इस पर विचार किया गया।"
2.15 प्रतिशत पर है भारत की मृत्यु दर
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। 18 जून को भारत की मृत्यु दर 3.33 प्रतिशत थी जो 10 जुलाई को 2.72 प्रतिशत पर आ गई। इसके बाद भी मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है और अभी ये 2.15 प्रतिशत पर है। मृत्यु दर में कमी के कारण वेंटीलेटर्स की मांग में भी कमी आई है और अब भारतीय कंपनियों विदेशी बाजारों में अपनी जगह बना सकती हैं।