रूस से परमाणु पनडुब्बी लेगा भारत, दोनों देशों के बीच हुआ तीन अरब डॉलर का सौदा
भारत और रूस के बीच परमाणु पनडुब्बी को लेकर बड़ा समझौता हुआ है। भारत, रूस से अकुला-2 परमाणु पनडुब्बी को 10 साल के लिए लीज पर लेगा। इसे लेकर तीन अरब डॉलर का समझौता हुआ है। भारत नौसेना के पास अभी रूस से ली गई अकुला-2 लड़ाकू पनडुब्बी है, जिसे चक्र-2 के नाम से जाना जाता है। यह 2012 में 10 साल के लिए लीज पर ली गई थी। नई पनडुब्बी अगले 5-6 सालों में भारतीय नौसेना को मिल जाएगी।
रूस से तीसरी पनडुब्बी
रूस की यह तीसरी पनडुब्बी होगी, जो भारत लीज पर लेगा। सबसे पहले 1988 में परमाणु पनडुब्बी INS चक्र तीन साल की लीज पर ली गई थी। इसके बाद INS चक्र-2 को 2012 में 10 सालों के लिए लीज पर लिया गया था। अब यह तीसरी पनडुब्बी होगी। INS चक्र-2 की लीज 2022 में समाप्त होने वाली है। भारत इस लीज को बढ़ाने के बारे में विचार कर रहा है।
नौसेना की ताकत में होगा इजाफा
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए रियर एडमिरल (रिटायर्ड) सुदर्शन श्रीखांडे ने बताया कि नई पनडुब्बी मिलने के बाद भारतीय नौसेना की क्षमता में काफी इजाफा हो जाएगा। यह ऑपरेशन, टैक्टिकल और टेक्निकल मामलों में नौसेना को बाकी देशों की नौसेना से आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में शांति बनाए रखने के लिए नौसेना की परमाणु पनडुब्बियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालांकि, नौसेना की तरफ से इस समझौते को लेकर कोई बयान नहीं आया है।
भारत के पास 13 पनडुब्बी
भारतीय नौसेना के पास अभी 15 पनडुब्बियां हैं। इनमें से एक स्कोर्पियन क्लास की INS कलवारी और INS अरिहंत भी शामिल हैं। अरिहंत क्लास की अरिघाट पनडुब्बी को 2017 में लॉन्च किया गया था। यह 2021 तक नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी।
पड़ोसी देशों के मुकाबले कहां ठहरता है भारत?
भारतीय नौसेना के मुकाबले चीन कहीं शक्तिशाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के पास 60 से ज्यादा डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 परमाणु संचालित पनडुब्बियां हैं। हालांकि, भारत भी लगातार अपने बेड़े में और पनडुब्बियां शामिल करने की कोशिश में लगा है। नौसेना को मजबूती देने के लिए 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत छह एडवांस्ड पनडुब्ब्बी बनाई जाएगी। पाकिस्तान के पास अभी पांच पनडुब्बियां हैं।