आगरा में जूता कारोबारियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई जारी, अब तक मिले 100 करोड़ रुपये
क्या है खबर?
आगरा में 3 जूता कारोबारियों के 14 ठिकानों पर चल रही आयकर विभाग की कार्रवाई में करोड़ों की बेहिसाब दौलत मिली है।
शनिवार सुबह से शुरू हुई कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही। पिछले 48 घंटों में 100 करोड़ रुपये की गिनती की जा चुकी है और अभी भी 500-500 के नोटों को गिनने का काम चल रहा है।
विभाग के आशंका जताई है कि इन कारोबारियों के पास 150 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी हो सकती है।
कार्रवाई
इन कारोबारियों के यहां जारी है कार्रवाई
रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग की ओर से हींग की मंडी स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स, एमजी रोड स्थित बीके शूज और धाकरान चौराहा स्थित मंशु फुटवियर के कुल 14 ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है।
सबसे अधिक 60 करोड़ रुपये की नकदी हरमिलाप ट्रेडर्स के मालिक रामनाथ डैंग के जयपुर हाउस स्थित आवास पर मिली है।
वहां पर अभी तक भी नोटों की गिनती का काम जारी है। हालांकि, विभाग की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
चालाकी
गद्दे, तकिए और अलमारी में छिपा रखी थी नोटों की गडि्डयां
कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग की टीमों को हरमिलाप ट्रेडर्स के यहां से गद्दों, तकिए, अलमारी, जूते के डिब्बे और दीवारों में 500-500 के नोटों की गडि्डयां छिपी मिली हैं।
इतनी नगदी को गिनते-गिनते 10 मशीनें गर्म होकर बंद हो गई। नोटों की गिनती के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कर्मचारियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है।
र्कारवाई टीम में आगरा, लखनऊ, कानपुर और नोएडा के 100 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
जानकारी
इन ठिकानों पर चल रही है कार्रवाई
आयरक विभाग की रामनाथ डैंग के आवास के अलावा बीके शूज और मंशु फुटवियर के कमला नगर स्थित पूर्ति निवास, बृज बिहार, एमजी रोड, पूर्वी विला सूर्य नगर, शंकर ग्रीन, सिकंदरा, हीग की मंडी स्थित श्रीराम मंदिर मार्केट और कार्यालय पर छापेमारी चल रही है।
निवेश
जमीन में निवेश और सोना खरीदने के मिले सबूत
आयकर विभाग के अधिकारियों को अब तक की जांच में जूता कारोबारियों के पास से भारी मात्रा में जमीन में निवेश करने और सोना खरीदने से जुड़े अहम दस्तावेज भी मिले हैं।
कारोबारियों ने इनर रिंग रोड के पास जमीन में बड़ा निवेश किया है।
टीमें कारोबारियों के प्रतिष्ठानों से लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल फोन जब्त कर उनका डाटा निकालकर भी जांच कर रही है। इसके साथ ही स्टॉक रजिस्टर में भी चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं।
पर्दाफाश
पर्ची काराबोर भी हुआ उजागर
कार्रवाई के दौरान जूता कारोबार में चलने वाला पर्ची का खेल भी उजागर हुआ है, जो पूरी तरह से अवैध है।
जूता कारोबार उधार पर अधिक निर्भर है। ट्रेडर्स और बड़े कारोबारी छोटे कारोबारियों को तुरंत भुगतान के बजाय पर्ची दे देते हैं। इस पर तारीख और अवधि लिखी होती है।
निश्चित तारीख पर पर्ची देने वाले कारोबारी से छोटे कारोबारी भुगतान प्राप्त कर लेते हैं। इसमें ब्याज का मोटा खेल होता है और बेनामी संपत्ति जमा होती है।