तकनीकी सहायता देने के नाम पर विदेशियों से की तीन करोड़ की ठगी, दो गिरफ्तार
गुड़गांव के उद्योग नगर फेज-4 में तकनीकी सहायता देने के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर विदेशियों से तीन करोड़ रुपये की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में यूनाइटेड किंगडम निवासी एक व्यक्ति के वीडियो अपलोड कर शिकायत भेजने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड सहित दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप बरामद किया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने दबिश देकर की गिरफ्तारी
DLF पुलिस उपायुक्त करण गोयल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मास्टरमाइंड की पहचान अमित चौहान और जींद निवासी सुमित कुमार के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि गत दो मार्च को उन्हें ऑनलाइन शिकायत मिली थी। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम थाना पुलिस को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उसी रात को साइबर क्राइम थाना प्रभारी विवेक कुंडू ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को दबोच लिया।
यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर की शिकायत
पुलिस उपायुक्त करण गोयल ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम निवासी जिम ब्राउनिंग ने यूट्यूब पर स्पाइन ऑफ स्केनर नाम पर वीडियो अपलोड कर मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोपियों द्वारा तकनीकी सपोर्ट के नाम पर करोड़ की ठगी करने का आरोप लागया था।
सिस्टम को हैक कर भेजते थे लिंक
आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो विदेश में बैठे लोगों के सिस्टम को हैक कर उन्हें टेक्स्ट, वॉइस मैसेज व पॉप-अप के जरिए लिंक भेजकर तकनीकी मदद मुहैया कराने की बात कहते थे। वह मैसेज के साथ कॉल सेंटर का नंबर भी भेजते थे। विदेशियों द्वारा उस नंबर पर कॉल करने के बाद वह तकनीकी सहायता मुहैया कराने के नाम पर उनसे मोटी रकम अपने खातों में जमा करा लेते थे।
BTech और Bcom की पढ़ाई कर चुके हैं आरोपी
पुलिस ने बताया कि आरोपी अमित कुमार ने BTech के सात सेमेस्टर की पढ़ाई की और सुमित ने Bcom की डिग्री ले रखी है। दिसंबर 2018 में उन्होंने तकनीकी मदद के नाम पर विदेशियों से ठगी करने की योजना बनाई थी। उसके बाद उन्होंने जनवरी 2019 में अपना फर्जी कॉल सेंटर चालू कर दिया और वहां से लोगों को फंसाना शुरू कर दिया था। आरोपी विदेशियों से पेयपाल और गेटवे के जरिए अपने खाते में पैसा ट्रांसफर कराते थे।
पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर किया गैंग में शामिल
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने धोखाधड़ी की साजिश को सफल बनाने के लिए ऐसे बेरोजगार युवाओं की तलाश की, जिनकी तकनीकी जानकारी अच्छी हो, लेकिन जिन्हें नौकरी नहीं मिली। उन्होंने ऐसे युवाओं बेहतर वेतन देने के नाम पर अपने साथ कर लिया। इसके बाद आरोपियों ने ऐसे देशों में वारदात करने का प्लान बनाया, जहां भारत में रात होने पर वहां दिन हो। इसके बाद वो विदेशों में ऑनलाइन काम करने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी पुलिस
पुलिस ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। उनसे पूछताछ कर कॉल सेंटर में काम करने वाले अन्य 40-50 लोगों का पता लगाया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों ने अब तक कितने विदेशियों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस आरोपियों से लोगों से ठगी गई राशि भी बरामद करने में जुटी है। इसी तरह अन्य कॉल सेंटरों के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है।