जल्द भारत आएगा राफेल विमान का दूसरा बैच, जायजा लेने फ्रांस पहुंची IAF की टीम
क्या है खबर?
राफेल लड़ाकू विमानों का पहला बैच भारत पहुंचने के बाद अब सरकार दूसरे बैच को लाने की तैयारियों में जुट गई है।
फ्रांस में दूसरे बैच के विमान भारत आने के लिए तैयार हैं। ऐसे में भारतीय वायु सेना (IAF) की टीम एक टू स्टार अधिकारी के नेतृत्व में फ्रांस पहुंच गई है।
यह टीम राफेल की डिलीवरी की दिशा में हो रही प्रगति का जायजा लेगी। दूसरे बैच के अक्टूबर के अंत तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।
नेतृत्व
टू स्टार रैंक के अधिकारी कर रहे टीम का नेतृत्व
IAF अधिकारियों की तरफ से बताया गया है फ्रांस पहुंची IAF की टीम की अगुवाई असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (परियोजना) कर रहे हैं।
यह टीम इस सप्ताह की शुरुआत में परियोजना की तैयारियों का जायजा लेने के लिए फ्रांस पहुंची है। वायु सेना को प्रत्येक दो महीने में तीन-चार राफेल विमान आने की उम्मीद है।
जून 1997 में रूसी सुखोई-30 विमान को वायुसेना में लेने के 23 साल बाद राफेल विमानों को भारतीय सेना में शामिल किया गया है।
संभावना
अक्टूबर के अंत तक भारत पहुंच सकता है राफेल विमान का दूसरा बैच
अधिकारियों ने बताया कि कुछ सप्ताह में राफेल जेट का दूसरा बैच भारत पहुंच जाएगा। तारीखों पर अभी फैसला होना बाकी है। अगले वर्ष तक सभी राफेल जेट भारत को मिलने की उम्मीद है।
भारत और चीन के बीच इस समय लद्दाख में टकराव जारी है। इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ से भी लगातार नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की जा रही है।
राफेल जेट के आने से भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में इजाफा होगा।
समझौता
भारत को मिलने हैं कुल 36 राफेल विमान
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच लगभग 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमानों का समझौता हुआ है। इनमें से पांच विमानों का पहला जत्था भारत पहुंच चुका है। अगले साल के अंत तक सभी 36 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।
इनमें से छह ट्रेनर विमान और 30 लड़ाकू विमान होंगे। इनके आने से निश्चित तौर पर वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। राफेल 4.5 पीढ़ी का मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट लड़ाकू विमान है।
विशेषता
यह है राफेल लड़ाकू विमानों की विशेषता
राफेल का रडार F-16 विमानों के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है।
इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
राफेल में लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डाटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है।
राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।
जानकारी
29 जुलाई को भारत पहुंचा था राफेल विमानों का पहला बैच
बता दें कि पांच राफेल विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को अबु धाबी के अल दाफ्रा एयरबेस होता हुआ भारत के अंबाला बेस पर पहुंचा था। इसके बाद 10 सितंबर को इन जेट्स को औपचारिक तौर पर वायुसेना में शामिल किया गया है।