गुजरात का युवक यूक्रेन में बना युद्धबंदी, रूसी सेना में भर्ती के लिए कैसे किया मजबूर?
क्या है खबर?
गुजरात के मोरबी जिला निवासी साहिल मोहम्मद हुसैन (23) को यूक्रेन ने युद्ध बंदी बना लिया है, क्योंकि वह रूस की ओर से युद्ध लड़ रहा था। रविवार (21 दिसंबर) को उसके परिवार को मिले वीडियो बयान में साहिल ने सरकार से अपनी रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने अन्य युवा भारतीयों से आगाह किया है कि यहां बहुत सारे धोखेबाज हैं, जो आपको फंसा सकते हैं। ऐसे में सतर्कता बरतें। आइए साहिल की पूरी कहानी जानते हैं।
वीडियो
सामने आए साहिल के 2 वीडियो
साहिल के यूक्रेन से SOS कॉल के जरिए 2 वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में उसने कहा, "अभी मैं यूक्रेन में युद्धबंदी के रूप में फंसा हूं। मुझे नहीं पता भविष्य में क्या होगा, लेकिन मैं सभी भारतीयों को संदेश देना चाहता हूं। जो भारतीय उच्च शिक्षा या काम के लिए रूस आ रहे हैं, सावधान रहें क्योंकि यहां बहुत सारे धोखेबाज हैं। आप आपराधिक मामलों, नशीले पदार्थों के अवैध मामलों मामलों में फंस सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें।"
जानकारी
साहिल ने प्रधानमंत्री मोदी से की खास अपील
साहिल दूसरे वीडियो में कहते हैं, "मैं यूक्रेन में युद्धबंदी बनकर काफी निराश हूं। मैं भारतीय सरकार से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील करता हूं, यदि संभव हो तो कृपया मदद करें। बस इतना ही।"
जिक्र
साहिल ने व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का भी किया जिक्र
साहिल ने वीडियो में कहा, "अब मैं एक यूक्रेनी सैन्य जेल में हूं क्योंकि रूसी जेल में होने के दौरान मैंने युद्ध अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। मैंने रूसी जेल से भागने के लिए हस्ताक्षर किए थे। अब मुझे पता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मेरी सरकार से मिलने भारत आ रहे हैं। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि वे पुतिन से बात करें ताकि मुझे घर लौटने में मदद मिल सके। मैं घर वापस आना चाहता हूं।"
पृष्ठभूमि
गुजरात से रूस कैसे पहुंचा था साहिल?
गत अक्टूबर में सामने आया था कि मोरबी निवासी साहिल को यूक्रेनी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया था। वह जनवरी 2024 में ITMO विश्वविद्यालय से रूसी भाषा और संस्कृति का कोर्स करने के लिए छात्र वीजा पर सेंट पीटर्सबर्ग गया था। उस समय साहिल ने खुलासा किया था कि वह पढ़ाई के लिए रूस गए थे, लेकिन वहां उन्हें ड्रग्स के मामले में फंसा दिया गया और 7 साल की जेल की सजा सुना दी गई।
लालच
रूसी सेना में शामिल होने पर सजा कम करने का दिया लालच
साहिल के अनुसार, ड्रग्स के मामले में सजा मिलने के बाद रूसी अधिकारियों ने उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की सेना में शामिल होने पर सजा कम करने का लालच दिया था। उन्होंने पहले कहा था कि वह जेल में नहीं रहना चाहता था, इसलिए विशेष सैन्य अभियान (यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए उपयोग लिए जाने वाला शब्द) के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए। वह इस बहाने से रूस से बाहर निकलना चाहता था।
प्रशिक्षण
साहिल को तैनाती से पहले दिया गया 15 दिन का प्रशिक्षण
साहिल ने बताया कि रूसी सेना में जबरन भर्ती होने के बाद उन्हें यूक्रेन में मोर्चे पर तैनात करने से पहले लगभग 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था। बाद में उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अपने पिछले वीडियो में उन्होंने खुलासा किया था कि वह लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर एक यूक्रेनी खाई के पास पहुंचकर तत्काल अपनी बंदूक नीचे कर दी और आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा था कि वह रूस वापस नहीं जाना चाहता।
जानकारी
रूस अधिकारियों ने साहिल से किया था आर्थिक लाभ देने का वादा
साहिल ने खुलासा किया कि उन्हें आर्थिक इनाम का वादा किया गया था। जिसमें पहले 1 लाख रूबल (करीब 1.11 लाख रुपये), फिर 5 लाख और यहां तक कि 15 लाख रूबल (करीब 16.65 लाख रुपये) का वादा किया था, लेकिन सब झूठ निकला।
हालात
रूसी सेना में 202 भारतीयों को भर्ती किए जाने का अनुमान
केंद्र सरकार के अनुसार, यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान रूसी सशस्त्र बलों में 202 भारतीयों की भर्ती होने का अनुमान है। इनमें से अब तक 26 की मौत हो चुकी है, जबकि रूसी पक्ष के अनुसार 7 भारतीय लापता हैं। विदेश मामलों के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि सरकार के समन्वित प्रयासों से 119 लोगों को समय से पहले रिहा कर दिया गया है और 50 अन्य व्यक्तियों को समय से पहले रिहा करने के प्रयास जारी हैं।
प्रयास
सभी नागरिकों की रिहाई के लिए भारत के प्रयास
इस बीच, भारतीय सरकार रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो चुके अपने सभी नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। इसमें राजनीतिक दबाव समेत अन्य साधन शामिल हैं। इससे पहले पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। उस पर उन्होंने मामले में अपेक्षित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।