कैसे पाकिस्तानी लड़की के "प्रेम" में फंसकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा पुणे का छात्र
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के पुणे के 25 वर्षीय छात्र विशाल का इंटरनेट पर शुरू हुआ पाकिस्तानी लड़की के साथ प्रेम प्रसंग जेल की सलाखों के पीछे जाकर खत्म हुआ।
यह प्रेम संबंध, जो कई फोन कॉल, पाकिस्तान की 2 यात्राओं और इस्लाम में धर्मांतरण के वादे के साथ शुरू हुआ था, वो छात्र के जासूसी के मामले में 7 साल की जेल की सजा के साथ समाप्त हुआ।
आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मामला
इंटरनेट पर पाकिस्तानी लड़की के संपर्क में आया था छात्र विशाल
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, झारखंड के एक मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाला विशाल 2004 में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए पुणे के हदसपुर आया था।
विशाल 2005 में याहू मैसेंजर के जरिए पाकिस्तान के कराची की रहने वाली फातिमा नामक लड़की के संपर्क में आया, जिसके बाद दोनों रोजाना घंटों तक इंटरनेट पर चैट करने लगे।
फातिमा ने विशाल के साथ बात करते समय खुद को पाकिस्तान सेना के पूर्व अधिकारी सलाउद्दीन शाह की बेटी बताया था।
मामला
लड़की के पिता ने विशाल के सामने रखी थी इस्लाम स्वीकार करने की शर्त
विशाल को फातिमा के साथ बात करते हुए प्यार हो गया, जिसके बाद उसने शादी का प्रस्ताव रखा और फातिमा कथित तौर पर इसके लिए राजी हो गई।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, फातिमा ने विशाल के साथ एक पाकिस्तानी फोन नंबर साझा किया था, जिसके जरिए दोनों लंबी बात करते थे।
विशाल ने फातिमा के पिता के साथ भी बातचीत की थी, जिन्होंने विशाल के इस्लाम स्वीकार करने पर शादी के लिए तैयार होने की शर्त रखी थी।
मामला
लड़की ने पिता ने विशाल को बुलाया था पाकिस्तान
इसके बाद फातिमा और उसके पिता सलाउद्दीन ने विशाल को पाकिस्तान की यात्रा पर बुलाया। सलाउद्दीन ने कहा था कि शादी के बाद दोनों लंदन में बस सकते हैं, जहां विशाल एक कारोबार कर पाएगा।
वीजा बनवाने के लिए सलाउद्दीन ने विशाल को दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के दो कर्मचारियों सईद हुसैन और अब्दुल लतीफ का नंबर दिया था।
इन दोनों ने वीजा बनवाने में विशाल की मदद की और इस दौरान रुपये के कई लेन-देन हुए।
जानकारी
दो बार पाकिस्तान की यात्रा पर गया था विशाल
पुलिस ने बताया था कि वीजा बनने के बाद विशाल ने 2 बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह पहली बार अक्टूबर, 2006 में 4 दिनों के लिए पाकिस्तान गया और इसके बाद जनवरी, 2007 में करीब 4 हफ्ते के लिए दोबारा पाकिस्तान गया था।
गिरफ्तारी
पुलिस ने जासूसी की आरोप में विशाल को किया गिरफ्तार
पुणे पुलिस ने विशाल को 8 अप्रैल, 2007 को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कहा था कि उन्हें सूचना मिली थी कि विशाल पाकिस्तान से लौटा है और उसके पास राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (BEG) समेत पुणे और उसके आसपास के सैन्य प्रतिष्ठानों और कई धार्मिक स्थलों की तस्वीरें मौजूद हैं।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और CD भी बरामद की थीं।
केस
किन धाराओं के तहत दर्ज किया गया था केस?
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद पुणे के डेक्कन पुलिस थाने में विशाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), शासकीय गोपनीयता अधिनियम (OSA) और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
विशाल ने पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान की दूसरी यात्रा के दौरान सलाउद्दीन कथित तौर पर उसे एक गुप्त स्थान पर ले गया, जहां उसे आतंकवादी गतिविधियों के लिए सैन्य प्रशिक्षण भी दिया गया था।
सजा
विशाल को हुई थी 7 साल जेल की सजा
पुणे पुलिस ने जुलाई, 2007 में विशाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, उसने अभियोजन पक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह केवल प्रेम प्रसंग के कारण पाकिस्तान गया था।
कोर्ट ने 29 मार्च, 2011 को विशाल को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई थी।
विशाल को पुणे की यरवदा केंद्रीय कारागार में सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था।
जांच
पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की भूमिका भी आई थी सामने
पुणे पुलिस ने पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की भूमिका की जांच के लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी सहायता मांगी थी, लेकिन विएना कन्वेंशन के नियमों के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकी।
मामले की जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) और दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारी कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
मामला
असल में ISI का एजेंट था लड़की का पिता
अगर इस पूरे मामले पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एक एजेंट की बेटी ने एक शख्स को अपने प्यार के जाल में फंसाया था।
शख्स को कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया गया और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया था।
मामले में वांछित ISI एजेंट और उसकी बेटी की तलाश आज भी जारी है।