जीका वायरस को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट, केंद्र सरकार ने जारी किया परामर्श
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में जीका वायरस पैर पसार रहा है, जिसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अन्य सभी राज्यों को अलर्ट करते हुए परामर्श जारी किया है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें जो परिसर को एडीज मच्छरों से मुक्त रखने के लिए निगरानी करेंगे।
साथ ही राज्यों को आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों पर वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने को कहा है।
जीका वायरस
गर्भवती महिलाओं पर निगरानी को कहा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे गर्भवती महिलाओं को लेकर खासतौर पर सावधानी बरतें। उन्होंने महिलाओं में संक्रमण की जांच करने को कहा है।
अगर किसी गर्भवती महिला जीका से संक्रमित पाई गई तो उनके भ्रूण के विकास पर निगरानी रखकर निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है।
राज्यों से मामले में लापरवाही न बरतने को कहा गया है। मंत्रालय का कहना है कि वह खुद मामले पर नजर रखे हुए है।
मामला
महाराष्ट्र में अब तक आए हैं सबसे अधिक मामले
महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसका असर खासकर पुणे में दिखाई दे रहा है।
1 जुलाई को पुणे में 2 गर्भवती महिलाओं समेत 6 लोग जीका वायरस से संक्रमित पाए गए। शहर के एरंडवाने इलाके में 4 और मुंधवा इलाके में 2 मामले मिले थे। इससे पहले 26 जून को डॉक्टर और उनकी बेटी में भी संक्रमण मिला था।
2023 में भी महाराष्ट्र में कुल 10 मामले सामने आए थे।
वायरस
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस मुख्यत: एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं।
ये वायरस फ्लेविविरिडी वायरस फैमिली से है, जो पहली बार 1947 में युगांडा के जीका जंगल के बंदरों में मिला था। इससे इसका नाम 'जीका' रखा गया।
इंसानों में पहला मामला 1952 में मिला था। वायरस के 80 प्रतिशत रोगियों में कोई लक्षण नहीं होते। शेष मरीजों में बुखार, शरीर दर्द, आंखों में जलन और त्वचा पर दाने जैसे हल्के लक्षण होते हैं।
खतरा
जीका वायरस से किसे है खतरा?
जीका वायरस की संक्रमण की मृत्यु दर बहुत कम है, लेकिन इससे गर्भवती महिलाओं को खतरा है।
उनके संक्रमित होने पर गर्भ में पल रहे बच्चे को माइक्रोसेफली जैसी मानसिक समस्या हो सकती है। माइक्रोसेफेली एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चे के दिमाग का पूरा विकास नहीं हो पता या विकास रुक जाता है।
कुछ संक्रमितों में तंत्रिका विकार से संबंधित एक दुर्लभ सिंड्रोम भी देखा गया है, जो मांसपेशियों में कमजोरी और पक्षाघात का कारण बन सकता है।