रंजीत सिंह हत्याकांड: गुरमीत राम रहीम हत्या का दोषी करार, मंगलवार को सुनाई जाएगी सजा
क्या है खबर?
पंचकुला स्थित CBI की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत पांच लोगों को रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है।
रंजीत सिंह डेरा के पूर्व प्रबंधक थे और 2002 में उनकी हत्या कर दी गई।
हत्याकांड के पांचों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 301 और 120B के तहत दोषी करार दिया गया है और 12 अक्टूबर को सजा का ऐलान किया जाएगा।
हत्याकांड
कब हुई थी रंजीत सिंह की हत्या?
साध्वी के साथ रेप के आरोप सामने आने के बाद रंजीत सिंह और गुरमीत राम रहीम के बीच विवाद बढ़ गया था।
इसके बाद 10 जुलाई, 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में रंजीत सिंह के खेतों के पास गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस जांच से असंतुष्ट सिंह के परिवार ने हाई कोर्ट में CBI जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। CBI ने दिसंबर, 2003 में जांच शुरू की थी।
जानकारी
दूसरी अदालत में सुनवाई चाहता था राम रहीम
इसी सप्ताह गुरमीत राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा कोर्ट में याचिका दायर कर हत्या के मुकदमे को पंचकुला की विशेष CBI अदालत से किसी अन्य CBI अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
सजा
पत्रकार हत्याकांड मामले में हुई थी उम्रकैद
अपनी दो महिला शिष्याओं के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा हुई है।
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की साल 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे लगातार अपने अखबार 'पूरा सच' में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सच दुनिया के सामने लाते रहते थे।
जानकारी
पूरा सच' ने खोली थी डेरा प्रमुख की पोल
रामचंद्र छत्रपति 'पूरा सच' अखबार चलाते थे। उन्होंने ही सबसे पहले दो साध्वियों के साथ रेप की खबर को अपने अखबार में छापा था।
यह खबर प्रकाशित होने के बाद से ही छत्रपति को धमकियां मिलनी शुरू हो गई थी।
इस अखबार में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सिरसा के डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था।
आगे चलकर इसी मामले में राम रहीम को 20 साल की जेल हुई।